मुख्य अतिथि राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष प्रकाशचंद्र टाटिया ने कहा कि भगवान महावीर के संदेश, उपदेश का हम गुणगान करते हैं। यह विश्व को मार्गदर्शन देता है। जीवन में अहिंसा, अनेकांतवाद तथा अपरिग्रह का पालन करना चाहिए। यह संदेश आज अधिक प्रासंगिक है। उन्होंने कहा आज के नवयुवकों में जोश है। उसका उपयोग होना चाहिए। उन्हें विवेकपूर्ण निर्णय लेने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए।
श्री जैन महासंघ के अध्यक्ष सज्जनराज मेहता ने कहा कि चारों समाज एक प्लेटफॉर्म पर जन्म कल्याणक मनाने के लिए एकत्रित हुआ है। उन्होंने इस दौरान महासंघ के कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा महासंघ द्वारा 1000 साधार्मिक लोगों की मदद की जाती है। जरूरतमंद विद्यार्थियों की शिक्षा में रुकावट न आए, इसके लिए उन्हें छात्रवृत्ति दी जाती है। इसके अलावा जरूरतमंद छात्रों को रोजगार मुहैया कराया जाता है। जिन लोगों को चिकित्सा की जरूरत होती है उनको भी मदद दी जाती है।
इसके साथ ही उनके रहने की व्यवस्था भी की जाती है। इस मौके पर जीतो अपेक्स के राष्ट्रीय चेयरमैन गणपतराज चौधरी तथा विशिष्ट अतिथि नाकोडा जैन तीर्थ के अध्यक्ष रमेशकुमार मूथा, एसएसएसजेसी, नई दिल्ली के राष्ट्रीय अध्यक्ष पारस मोदी एवं उद्योगपति व सामाजिक कार्यकर्ता रत्नगिरि सुरेशकुमार गुंदेचा के अलावा सुरेश धोका, विमल चीपड़, मोहनलाल चोरडिय़ा, दम प्रकाश राठौड़, राजकुमार जैन, केसरीमल बुरड़ भी उपस्थित थे। वक्ताओं ने महावीर के संदेश और उपदेश, गुणों को जीवन में उतारने के लिए प्रेरित किया।
यदि जीवन में एकता के सूत्र में बांधने की कला आ जाए तो जीवन सार्थक हो जाएगा। उन्होंने जैन एकता एवं भगवान महावीर के सिद्धांतों से जुडक़र रहने के लिए प्रोत्साहित किया। साथ ही कहा एक बनें नेक बनें। हमारे जीवन के अंदर भी केवल ज्ञान का दीपक प्रकट होना चाहिए। पन्नालाल सिंघवी ने कहा कि भगवान महावीर का संदेश जन जन तक पहुंचना चाहिए। अहिंसा एक ऐसा अस्त्र है जिससे विश्व में शांति की स्थापना हो सकती है। यह दिन प्रेम और वात्सल्य का है।
भगवान महावीर के बताए मार्ग पर चलने से दुनिया में शांति की स्थापना हो सकती है। इस दौरान दीप प्रज्वलन एवं संतों को कामली ओढ़ाने का भी कार्यक्रम हुआ। आए हुए सभी अतिथियों का स्वागत अभिनंदन किया गया। समारोह से पूर्व साहुकारपेट स्थित आराधना भवन से सवेरे साढ़े सात बजे प्रभु की पालकी एवं भव्य रथयात्रा (वरघोड़ा) रवाना हुई। प्रभु के भव्य आंगीमय रथ में रंग-बिरंगी पोशाकों में सजे अनेक मंडलों के सदस्य बैंड-बाजे की सुरीली ध्वनि के साथ शामिल हुए। रथयात्रा अरिहंत शिवशक्ति, पेरियामेट से चूलै हाईरोड, एपी रोड, पेरम्बूर बैरेक्स रोड, कुन्नूर हाई रोड होते हुए जैन दादावाड़ी पहुंची। इसके बाद धर्मसभा की शुरुआत हुई। समारोह में सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल करने वाले चिरंजीवी एवं ऋषभ जैन का सम्मान किया गया। साथ ही समारोह के सहयोगी परिवार का भी सम्मान किया गया।
इस मौके पर श्री जैन महासंघ के कार्यालय के लिए सज्जनराज मेहता परिवार की ओर से 21 लाख रुपए की सहायता राशि दी गई। रात्रि सात बजे जैन दादावाड़ी में ‘एक शाम प्रभु वीर के नाम’ सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया जिसमें दिलीप बाफणा एंड पार्टी मुम्बई भगवान वीर प्रभु के भजनों से श्रोताओं को मुग्ध किया।