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पश्चिम बंगाल की घटना पर तमिलनाडु के राजनीतिक गलियारों में मिली जुली प्रतिक्रिया

locationचेन्नईPublished: Feb 05, 2019 12:27:08 pm

Submitted by:

Santosh Tiwari

पश्चिम बंगाल में रविवार से राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच जो जंग शुरू हुई है, इस प्रकरण के बाद महागठबंधन के कई नेताओं ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री का सर्मथन किया है।

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पश्चिम बंगाल की घटना पर तमिलनाडु के राजनीतिक गलियारों में मिली जुली प्रतिक्रिया

चेन्नई.
पश्चिम बंगाल में रविवार से राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच जो जंग शुरू हुई है, इस प्रकरण के बाद महागठबंधन के कई नेताओं ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री का सर्मथन किया है।
राजनेताओं का मानना है कि लोकसभा चुनाव नजदीक है इसलिए छोटे विवाद को हवा देकर बड़ा बनाया जा रहा है। वहीं कुछ लोगों का यह भी कहना है कि बतौर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कानून की अहमियत समझनी चाहिए। नेताओं का कहना है कि मोदी सरकार केंद्रीय एजेंसियों को अपने राजनैतिक फायदे के लिए इस्तेमाल कर रही है। इसलिए ऐसा होना भी एक तरीके से ठीक है ताकि मोदी की तानाशाही न चलें।
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देश के संविधान से उपर कोई नहीं
एक देश में एक ही संविधान चलता है, हर राज्य के लिए अलग-अलग संविधान नहीं होता है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सीबीआई के काम में हस्तक्षेप कर कानून का उल्लंघन किया है। सीबीआई एक स्वतंत्र एजेंसी है मुख्यमंत्री को बजाय उनके कार्य में विध्न डालने के उन्हें मदद करनी चाहिए। सारदा चिट-फंड मामले में कइ लोगों ने अपनी पूंजी गंवाई है, उनकी पूंजी लौटाने का जिम्मा किसका है। सरकार बजाय दोषियों को सलाखों के पीछे करने के उनके बचाव में धरना कर रही है।
सी.एस. कर्णन, पूर्व न्यायाधीश व संस्थापक एंटीकरप्शन व डायनमिक पार्टी
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मुख्यमंत्री कानून से ऊपर नहीं
देश के कानून से उपर कोई नहीं चाहे वह मुख्यमंत्री या फिर प्रधानमंत्री ही क्यों न हो। हमने देखा है कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी देश के कानून के आगे झुकना पड़ा था। यह पहली बार था जब किसी प्रधानमंत्री को अपदस्थ किया गया और जेल भी भेजा गया। पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री खुद को कानून से उपर मान रही है इसलिए उन्होंने सीबीआई को उनका काम करने की बजाय सीबीआई अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया।
टी. पारीवेंदर, संस्थापक, आईजेके पार्टी
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मौके का फायदा उठाने में लगी ममता
एक छोटे से मामले को तूल देकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री खुद के लिए लोकप्रियता जुटाने का काम कर रही है। सीबीआई द्वारा पुलिस आयुक्त से पूछताछ व गिरफ्तार करना जांच प्रक्रिया का हिस्सा है, इसमें मुख्यमंत्री को किसी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। यह हस्तक्षेप केवल खुद की प्रसिद्धी के लिए किया गया है और धरना प्रदर्शन उसी का हिस्सा है।
जी. रामकृष्णन, पोलित ब्यूरो सदस्य, सीपीआई
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मोदी के ईशारों पर काम कर रही केंद्रीय एजेंसी
केंद्र सरकार पिछले कुछ सालों से केंद्रीय एजेंसियों को उनके वास्तविक काम से हटाकर अपने राजनैतिक हित साधने में लगी हुई है। पश्चिम बंगाल की घटना कोई नई नहीं है। तमिलनाडु में भी राज्य सरकार व विरोधी पार्टियों पर दबाव बनाने के लिए केंद्र सरकार ने सीबीआई, ईडी व आईटी विभाग का इस्तेमाल किया है।
तिरुनावकरसर, पूर्व अध्यक्ष, तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी
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स्टालिन ने ममता बनर्जी का समर्थन किया
चेन्नई.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की केंद्र और सीबीआई के साथ टकराव के बीच लोकतंत्र बचाने की लड़ाई का सोमवार को तमिलनाडु के विपक्षी दल डीएमके ने समर्थन किया। स्टालिन ने अपनी बहन और राज्यसभा सदस्य कनिमोझी को कोलकाता में धरने पर बैठी ममता बनर्जी से मुलाकात करने और उन्हें समर्थन देने के लिए कहा है। स्टालिन ने तृणमूल कांग्रेस प्रमुख से फोन पर बात कर उन्हें प्रदर्शन की कामयाबी के लिए शुभकामनाएं दीं। ममता बनर्जी सीबीआई की, कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार से चिटफंड घोटालों के मामले में पूछताछ की कोशिश के खिलाफ रविवार रात से धरने पर बैठी हैं।

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