नोटिस के अनुसार अस्पताल ने कथित तौर पर जिला प्रशासन द्वारा शुरू की गई जांच और ऑडिट प्रक्रिया में सहयोग नहीं किया। जिसके परिणाम स्वरूप तमिलनाडु क्लिनिकल एस्टैब्लिशमेंट एक्ट 1997 और तमिलनाडु क्लिनिकल एस्टैब्लिशमेंट (विनियमन) नियम 2018 के तहत अस्पताल को किसी भी नए कोरोना मरीज को भर्ती कर इलाज करने से अस्थाई तौर पर निलंबित कर दिया गया। साथ ही वर्तमान में अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीजों का इलाज करने के बाद प्रोटोकॉल के तहत छुट्टी देने का निर्देश दिया गया।
किसी भी मरीज को अस्पताल से समय पूर्व छुट्टी नहीं मिलनी चाहिए। इससे पहले गुरुवार को जिला प्रशासन ने अधिक पैसे वसूली की शिकायतों के बाद मुत्तु के अस्पताल समेत चार अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी। जांच में लिप्त एक अधिकारी ने बताया कि जांच की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अन्य तीन अस्पताल के खिलाफ भी इसी प्रकार की कार्रवाई की जाएगी। उल्लेखनीय है कि कई अन्य जिलों में भी अधिक पैसे वसूलने के मामले दर्ज हुए थे। इस विकराल समय में भी कई निजी अस्पताल अपनी मनमानी करने में लगे हुए हैं।