scriptआत्मा के पतन का कारण है पापकर्म | The reason for the fall of the soul is sin | Patrika News

आत्मा के पतन का कारण है पापकर्म

locationचेन्नईPublished: Apr 04, 2019 05:56:20 pm

Submitted by:

Ritesh Ranjan

जयधुरंधर मुनि ने कहा कि पुण्य ही आत्मा के लिए सच्ची पूंजी है।

चेन्नई. किलपॉक स्थित राजेंद्र बेताला के निवास में विराजित जयधुरंधर मुनि ने कहा कि पुण्य ही आत्मा के लिए सच्ची पूंजी है। जिसने इस मनुष्य भव में पुण्य की कमाई कर ली, उसके जीवन में विकास होता है। हर जीव विकास करते हुए उन्नति के शिखर तक पहुंचना चाहता है। पाप उदय से विकास की बजाय विनाश होने लग जाता है। पाप कर्म आत्मा के लिए पतन का कारण बनते हैं। जहां अधर्म है वहां भटकाव है। पूर्व में उपार्जित पुण्य को केवल खर्च करने के बजाय उसमें उत्तरोत्तर वृद्धि करने का प्रयास करना चाहिए।
उन्होंने चार प्रकार के पुत्रों का वर्णन करते हुए कहा कि आतिजात पुत्र वही होता है जो पिता से प्राप्त पूंजी में आशातीत वृद्धि करते हुए कुल एवं परिवार का नाम रोशन करता है। कुछ पुत्र अपने कुल की प्रतिष्ठा को यथावत संभाल कर रखने में ही सक्षम होते हैं, जबकि कुलक्षण पुत्र अपने ऐशो आराम में ही सारी पूंजी गंवा देता है। जीवन के निर्माण करने के लिए पुरुषार्थ करना पड़ता है। उन्नति के शिखर तक पहुंचना जितना कठिन है उससे ज्यादा कठिन उस स्थिति में संभल कर रहना होता है। जिसके साथ माता- पिता एवं गुरु का आशीर्वाद होता है, वह हर क्षेत्र में विकास प्राप्त करता है । मुनि वृंद यहां से विहार कर जयमल जैन पौषधशाला पहुंचेंगे। जहां त्रि दिवसीय स्वाध्याय शिविर का आयोजन होगा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो