इस जंक्शन पर चार रोड निकलती हैं-एक वेलचेरी हाई रोड जो सीधी मेडवाक्कम हाई रोड में जाकर मिलती है और उसी रोड से मडिपाक्कम की बाजार रोड निकलती है। दूसरी तरमणि लिंक रोड भी मेडवाक्कम हाई रोड में ही मिलती है इसलिए इस रोड पर हमेशा भीड़ का आलम रहता है। इस तरह बढ़ती भीड़ के चलते यहां दुर्घटनाओं का ग्राफ भी बढऩे लगा। ऐसे में दो साल पहले इस जंक्शन पर फ्लाईओवर का निर्माण शुरू किया गया। यहां दो फ्लाईओवरों का निर्माण किया जा रहा है।
इनमें एक तरमणि लिंक रोड पर बनाया जा रहा है जो जंक्शन के दक्षिणी छोर से घूमकर वेलचेरी बाईपास पर उतरता है। दूसरा वेलेचरी बाईपास से शुरू होता है तो जंक्शन के दक्षिणी छोर पर मोड़ लेकर मेडवाक्कम हाई रोड पर उतरता है। इस तरह ये दोनों फ्लाईओवर चारों सडक़ों के आवागमन को आसान बनाने में सफल भूमिका निभाएंगे, क्योंकि वाहनों का सबसे अधिक आवागमन मेडवाक्कम हाई रोड एवं तरमणि लिंक रोड से होता है और इन दोनों के वाहन बाईपास से गुजरते हैं। वेलचेरी बाईपास की वजह से वेलचेरी हाई रोड पर भीड़ कम होती है इसलिए इस रोड की पासिंग फ्लाईओवर्स के नीचे से की गई है।
दो साल से चल रहा है काम
इन फ्लाईओवर्स के निर्माण से पहले करीब छह साल से तरमणि लिंक रोड पर भूमिगत ड्रेनेज का कार्य चल रहा था। इस ड्रेनेज का निर्माण वर्ष २०१३ में शुरू हुआ था और इसके पूरा होने का समय था २०१५ लेकिन ठेकेदारों की लापरवाही एवं सरकारी ढिलाई तथा धनाभाव के चलते यह ड्रेनेज वर्ष २०१८ के शुरू में पूरा हुआ। इसके पूरा होने के बाद ही इस फ्लाईओवर का निर्माण शुरू हो सका। हालांकि इस फ्लाईओवर के पूरा होने का समय गत जनवरी तय था और जिस तेजी से इसकी शुरुआत हुई थी उससे तो ऐसा लग रहा था कि यह अपने तय समय में पूरा हो जाएगा लेकिन जंक्शन के पास तक पहुंचते ही इसकी गति काफी धीमी हो गई जो अभी तक भी तेजी नहीं पकड़ सकी। हालांकि इसका समय छह माह और बढ़ा दिया गया है।
अब यहं अक्टूबर तक पूरा होना है और जिस तेजी से इसका निर्माण कार्य चल रहा है उससे तो लगता है यह छह माह में पूरा हो जाएगा। हालांकि इसके निर्माण से वाहन चालकों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
वर्ष २०१३ से परेशान हैं वाहन चालक
इस जंक्शन से वाहन चालकों को वर्ष २०१३ से ही परेशानी झेलनी पड़ रही है। पहले तो तरमणि लिंक रोड पर भूमिगत ड्रेनेज के निर्माण कार्य के चलते उस पर एक तरफ की रोड से ही वाहनों का आवागमन हो रहा था जो जिससे वाहन चालकों की मेडवाक्कम हाई रोड एवं वेलचेरी हाई रोड तक जाम लगा रहता था। छह साल तक उसकी परेशानी से उबरे तो फ्लाईओवर का निर्माण शुरू हो गया। ऐसे में वाहन चालकों को फिर जाम का सामना करना पड़ रहा है। तीनों रोड पर फ्लाईओवर का निर्माण होने के कारण इस जंक्शन पर हमेशा वाहनों की भीड़ लगी रहती है। हालत यह है कि यहां बसों के रुककर सवारी लेने जितनी भी जगह नहीं है इसलिए बसें भी दूर जाकर रुकती हैं।
टूटी सडक़ों की मरम्मत नहीं
फ्लाईओवर निर्माण के चलते वेलचेरी हाई रोड की दोनों ओर से लंबी दूरी में रोड टूटी पड़ी है जिससे वाहनों को आवागमन में भारी परेशानी होती है लेकिन इसकी मरम्मत नहीं करवाई जा रही है। यहां तक कुछ दूरी में तो सीमेंट के चौके जमाए हुए हैं जिससे वाहन ढंग से चल ही नहीं पाते।
इसी प्रकार मेडवाक्कम हाई रोड पर जहां से फ्लाईओवर का निर्माण शुरू हुआ है वहां से जंक्शन तक पूरी रोड टूटी पड़ी है जिसमें वाहन चालक जरा भी चूक जाए तो गिर जाए लेकिन उसकी मरम्मत नहीं करवाई जा रही है। यहा हाल बस टर्मिनस के साइड में है जहां रोड पर गड्ढे पड़े हैं। ऐसा लगता है जब तक फ्लाईओवर का निर्माण पूरा नहीं होगा रोड की मरम्मत भी नहीं हो पाएगी।
इनका कहना है…
नौकरीपेशा अधिक परेशान
इस जंक्शन पर जब से फ्लाईओवर का निर्माण शुरू हुआ है हमेशा जाम का आलम रहता है। इसके चलते लोगों को गंतव्य पर जाने में भारी परेशानी झेलनी पड़ती है। खासकर नौकरीपेशा लोगों को अधिक कठिनाई झेलनी पड़ती है। सुब्रमण्यम, स्थानीय दुकानदार
पीक अवर्स में ज्यादा भीड़
यहां गुजरने वाली चार में से तीन रोड पर फ्लाईओवर का निर्माण हो रहा है और सबसे अधिक आवागनम भी इन तीन रोड पर ही होता है। पीक अवर्स में तो यहां से वाहन निकालना बहुत मुश्किल हो जाता है।
मुरली, फुटकर विक्रेता, विजयनगर
उजड़ गया कई लोगों का धंधा
यहां फ्लाईओवर का निर्माण होने से जंक्शन पर कई इमारतों को तोड़ दिया गया जिससे उनके नीचे की दुकानों में चल रहा कई लोगों का धंधा उजड़ गया। यहां तक कि यहां बना हुआ बस स्टैंड भी हटा दिया गया। कृष्णमूर्ति, व्यवसायी, विजयनगर
निर्माण में तेजी जरूरी
इस फ्लाईओवर की वर्तमान में मंद गति बढऩी चाहिए तभी इसका निर्माण जल्दी एवं समय से हो पाएगा। जब तक ये फ्लाईओवर पूरे नहीं होंगे न तो आवागमन सामान्य हो पाएगा और न ही यहां से बसों का संचालन शुरू हो पाएगा।