Tamilnadu: कई शेल्टर अनुपयोगी तो कहीं पर शेल्टर ही नहीं
महानगर (Metrocity) में कई जगहों पर जहां यात्रियों (Passanger) के लिए बस शेल्टर एवं छांव का प्रबंध ही नहीं हैं वहीं कई बस स्टॉप (Bus stop) ऐसे हैं जहां बस शेल्टर अनुपयोगी हो चुके हैं लेकिन उन बस शेल्टरों को हटाया ही नहीं गया है। दरअसल मेट्रो रेल के काम के चलते एमटीसी (Mtc) की कई बसोंं के मार्ग (Route) में बदलाव किया गया था।

चेन्नई. महानगर में कई जगहों पर जहां यात्रियों के लिए बस शेल्टर एवं छांव का प्रबंध ही नहीं हैं वहीं कई बस स्टॉप ऐसे हैं जहां बस शेल्टर अनुपयोगी हो चुके हैं लेकिन उन बस शेल्टरों को हटाया ही नहीं गया है। दरअसल मेट्रो रेल के काम के चलते एमटीसी की कई बसोंं के मार्ग में बदलाव किया गया था। कई मार्ग एकतरफा किए गए। ऐसे में एमटीसी के बस स्टॉप जहां बस शेल्टर्स स्थापित किए गए थे वे कोई काम के नहीं रह गए। वहीं जो नए स्टॉप निर्धारित किए गए वहां अधिकांश जगहों पर बस शेल्टर्स ही स्थापित नहीं किए गए। ऐसे में यात्रियों को भरी गर्मी में बसों की प्रतीक्षा के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। महानगर की करीब आधी आबादी सरकारी परिवहन सेवाओं का उपयोग करती है लेकिन भीषण गर्मी में उनके लिए बस का इंतजार करने के समय बस शेल्टर की कमी खलती है। ऐसे में बस की प्रतीक्षा में यात्रियों को कड़ी धूप में खड़ा रहना पड़ रहा है। महानगर के विभिन्न इलाकों के आवासीय संघों ने संबंधित अधिकारियों को इस बारे में कई बार ध्यान दिलाया है लेकिन लगता है अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। कई बस स्टाप पर स्नेनलेस स्टील के बस शेल्टर बनाए गए हैं। स्टील से बने बस शेल्टर के नीचे बैठना एवं खड़ा रहना यात्रियों के लिए काफी दुष्कर होता है। यह बस शेल्टर दिन में भट्टी की तरह तप रहे हैं।
एक दूसरे पर मढ रहे आरोप
यात्रियों का कहना है कि बस शेल्टर स्टेनलेस स्टील के नहीं बनाए जाने चाहिए। चेन्नई महानगर निगम, मेट्रोपालिटन ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन एवं राजमार्ग विभाग एक दूसरे पर आरोप लगाने से ही बाज नहीं आ रहे हैं। चेन्नई महानगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि राजमार्ग पर बस शेल्टर्स का रखरखाव राजमार्ग विभाग की ओर से किया जाता है तथा अन्य स्थानों पर इसकी जिम्मेवारी महानगर निगम की है। कई स्थानों पर जहां बस शेल्टर बनाए गए हैं वहां बसें रुकती ही नहीं। ऐसे में यात्रियों को कड़ी धूप में इंतजार करना पड़ता है।
सही तरीके से नहीं हो रहा रखरखाव
एक यात्री का कहना था कि महानगर में अधिकांश बस शेल्टर स्टेनलेस स्टील से बने हैं। इनका रखरखाव सही तरीके से नहीं हो रहा है। कई स्थानों पर तो सीटें ही उखाड़ ली गई है तो कहीं बिजली के वायर ढीले पड़े हैं। स्टेनलेस स्टील की बनी सीटें चमकीली तो है लेकिन जिस उद्देश्य के लिए वे बनाई गई है उसमें खरा नहीं उतर रही।
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