चेन्नई

Tamilnadu: सर्वाधिक हत्याएं यूपी में, तमिलनाडु छठे स्थान पर

हत्या (Murder) जैसे संगीन मामलों में तमिलनाडु (Tamilnadu) में आई कमी, तमिलनाडु में 2015 में 1748, 2016 में 1603 तथा 2017 में 1560 हत्याएं हुई

चेन्नईOct 22, 2019 / 10:26 pm

ASHOK SINGH RAJPUROHIT

There has been a decrease in serious cases like murder in Tamil Nadu

चेन्नई. तमिलनाडु में हत्या जैसे संगीन मामलों में कमी आई है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों पर नजर डालें तो वर्ष 2015 में जहां तमिलनाडु में 1748 हत्याएं हुई वहीं 2016 में 1603 तथा 2017 में 1560 हत्याएं हुई। वर्ष 2017 की बात की जाए तो तमिलनाडु में विभिन्न विवाद के चलते 824 हत्याएं हुई। इनमें जमीनी विवाद के चलते 119 लोगों की हत्या कर दी गई जबकि पारिवारिक विवाद के कारण 337 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया। छोटे-मोटे झगड़ों के कारण 291 लोगों की जान गई। पैसों के लेनदेन 76 जनों का कत्ल हुआ। पानी के झगड़े ने एक की जान ली। निजी कारण या दुश्मनी के चलते 276 लोगों की हत्याएं हुई। मुनाफे के लिए 94 लोगों की हत्या कर दी गई।
उत्तरप्रदेश शीर्ष पर

हालांकि 2017 में देश में हुई हत्याओं की राज्यवार तुलना की जाए तो उत्तरप्रदेश शीर्ष पर है। इस वर्ष यहां 4324 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया। दूसरे नंबर पर बिहार है जहां 2803 लोगों की हत्या हुई। इस मामले में महाराष्ट्र (2103) तीसरे, पश्चिम बंगाल (२००१) चौथे तथा मध्यप्रदेश (१९०८) पांचवें स्थान पर है।
अवैध संबंधों के चलते 129 लोगों की हत्या
इसके बाद तमिलनाडु का नंबर आता है जहां 1560 लोगों की हत्या कर दी गई। तमिलनाडु में 2017 में 29 हत्याओं का कारण पता नहीं चल सका। अवैध संबंधों के चलते 129 लोगों की हत्या कर दी गई। प्रेम प्रसंग 123 लोगों की हत्या का कारण बना। दहेज के कारण एक जने को जान गंवानी पड़ी।
राजनीतिक कारणों से भी तीन जनों की हत्या
राजनीतिक कारणों से भी तीन जनों की हत्या कर दी गई। देश में झारखंड में सर्वाधिक 42 लोगों की हत्या राजनीतिक वजह से हुई।

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