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Tamilnadu: राम के वनवास से आगे न बढ़ी…

locationचेन्नईPublished: Oct 09, 2019 03:12:04 pm

अनुभूति (Anubhuti) की काव्य (Kavya) गोष्ठी में कविता वाचन

There should be worship of devotion, not power

There should be worship of devotion, not power

चेन्नई. बेंगलूरु से आए डॉ. ज्ञानचन्द मर्मज्ञ के विशिष्ट आतिथ्य में अनुभूति की मासिक काव्य गोष्ठी स्थानीय कोला सरस्वती वैष्णव सेकण्डरी स्कूल के सभागार में आयोजित हुई। शक्ति की भक्ति की इस गोष्ठी में डॉ. ज्ञानचन्द मर्मज्ञ, ने लो सुनाता हूं अयोध्या की नई रामायण…, जो कभी राम के वनवास से आगे न बढ़ी… के अलावा अन्य कई कविताएं सुनाकर श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया।
भक्ति की आराधना

अध्यक्ष डा. ज्ञान जैन ने स्वागत भाषण में बताया कि शक्ति नहीं भक्ति की आराधना होनी चाहिए। शक्ति कभी विनाश भी कर सकती है मगर भक्ति नहीं।

काव्य पाठ किया
मासिक काव्य गोष्ठी अरुणा मुणोत, ईश्वर करुण, पमिता खींचा, प्रहलाद श्रीमाली, रेखा राय, संगीता जैन, शशिलेन्द्र कुमार गुप्ता, शोभा चौरडिय़ा, शकुन्तला करनानी, रमेश गुप्त नीरद, रतन डालमिया आदि ने भी काव्य पाठ किया। मासिक काव्य गोष्ठी संचालन महासचिव गोविन्द मूंदड़ा एवं संतोष बिसानी ने किया। सचिव विकास सुराणा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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