शुक्रवार को मदुरै के गोरीपालयम जंक्शन में थेवर जयंती समारोह में मुख्यमंत्री के पलनीस्वामी, उप मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेलवम और पार्टी के अन्य नेता शामिल थे। मुख्यमंत्री ईके पलनीस्वामी और उपमुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम समेत अन्य नेताओं ने उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। मदुरै के गोरीपालयम में सुबह सबसे पहले मुख्यमंत्री और उनके कैबिनेट सदस्यों ने मुत्तुरामलिंग थेवर को श्रद्धांजलि दी।
उनके स्मारक पर सैकड़ों की संख्या में लोग उमड़े और बड़ी संख्या में पुलिस तैनात रही। डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन भी थेवर जयंती के मौके पर उननकी मूर्ति पर माला चढ़ाई और पुष्प अर्पित किए। चेन्नई में भी उनकी मूर्ति पर हजारों लोगों ने मालाएं चढ़ाईं और पुष्प अर्पित किए। जिले में किसी तरह की अप्रिय घटना नहीं हो इसलिए संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई।
धूम-धाम से मनाया जाता थेवर जयंती
प्रदेश में हर साल 30 अक्तूबर को पसम्पोन मुत्तुरामलिंगम थेवर के जन्म के मौके पर थेवर जयंती मनाई जाती है। तमिलनाडु के दक्षिणी जिलों में थेवर समुदाय की ओर से इस कार्यक्रम को बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है। 20वीं सदी में तमिलनाडु की राजनीति में पसम्पोन मुत्तुरामलिंगम की महत्वपूर्ण भूमिका है। पसम्पोन मुत्तुरामलिंगम का जन्म 30 अक्तूबर, 1908 को प्रदेश के रामनाथपुरम जिले के पसम्पोन में हुआ था।
वह एक सामाजवादी विचारक और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के सहयोगी थे। 1952 से उन्होंने ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक के डिप्टी चेयरमैन के तौर पर अपनी सेवा दी। पसम्पोन मुत्तुरामलिंगम तीन बार संसद के लिए चुने गए। खास बात यह है कि 30 अक्तूबर 1963 को मदुरै में पसम्पोन मुत्तुरामलिंगम का निधन हो गया।
एक ही दिन जन्मतिथि व पुण्यतिथि
पसम्पोन मुत्तुरामिंगलम की जन्मतिथि और पुण्यतिथि एक ही दिन पड़ती है, इसलिए इसे अलौकिक शक्तियों के संकेत के तौर पर देखा जाता है। थेवर जयंती का मुख्य समारोह उनकी समाधि वाली जगह पर आयोजित किया जाता है।
ये जगह मदुरै से 50 मील की दूरी पर है। प्रशासन ने बताया कि कोरोना वायरस की वजह से इस समारोह में सामान्य जनता को आने की अनुमति नहीं है। स्मारक पर सिर्फ पार्टियों के प्रतिनिधि और समुदाय के नेताओं को ही जाने की अनुमति मिली है। स्मारक पर आने वाले सभी लोगों को जिलाधिकारी से पहले ही अनुमति लेनी होगी। स्मारक की यात्रा के दौरान दो गज की दूरी, सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने जैसे नियमों का सख्ती से पालन करना होगा।