राज्य के दूसरे दलों ने बीजेपी पर संत कवि के भगवाकरण का आरोप लगाया है। ट्वीट में उनकी तस्वीर के साथ ही उनके दोहे का अंग्रेजी अनुवाद भी ट्वीट किया गया है।
ट्वीट में कहा गया कि द्रविड़ कझगम (डीके) पार्टी, डीएमके और कम्युनिस्टों को जानना चाहिए कि संत ने अपनी रचनाओं में क्या कहा था।
इस पर डीएमके प्रमुख एम के स्टालिन ने ट्वीट किया कि बीजेपी अपने भगवाकरण के एजेंडे में तमिल संत का इस्तेमाल कर जनता को धोखा देने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने तस्वीर को रंगने के बदले संत कवि के लेखन से प्रेरणा लेना चाहिए।
बीजेपी ने जवाब देते हुए ट्वीट किया कि स्टालिन बिना किसी गलती के उनका एक दोहा पढक़र सुनाए या राजनीति से सन्यास ले लें।
सीपीएम ने इसकी निंदा करते हुए कहा कि इसके पहले किसी ने भी संत कवि का राजनीतिक लाभ के लिए उपयोग नहीं किया।
बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव एच. राजा ने कहा कि संत तिरुवल्लुवर की मूल रूप से मिली तस्वीरों में विभूति और दूसरे हिंदू प्रतीक थे। द्रविड़ दलों ने अपने राजनीतिक लाभ के लिए उसमें परिवर्तन किया है। उनकी विचारधारा सनातन धर्म के साथ चलती है।
मूर्ति के साथ की तोडफ़ोड़
तंजावुर के पिलयारपट्टी में सोमवार सुबह कुछ असामाजिक तत्वों ने तमिल संत कवि तिरुवल्लुवर की प्रतिमा के मुंह पर कालिख पोत दी और तोडफ़ोड़ की। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी है।