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दक्षिण भारत के औद्योगिक हब में इस बार देखने को मिल सकता है कड़ा मुकाबला

locationचेन्नईPublished: Feb 18, 2021 06:59:57 pm

दक्षिण भारत के औद्योगिक हब में इस बार देखने को मिल सकता है कड़ा मुकाबला- पिता-पुत्र की पुलिस हिरासत में हुई मौत ने खींचा था समूचे देश का ध्यान- तुतुकुडी लोकसभा क्षेत्र के अधीन आने वाले विधानसभा इलाकों में इस बार राष्ट्रीय दल लगा रहे जोर

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चेन्नई. पर्ल सिटी के रूप में मशहूर तुतुकुडी मत्स्य पालन, समुद्री सीप (शेल), नमक उत्पादन एवं पर्यटन के लिहाज से खासा महत्व रखता है। देश के उभरते ऊर्जा क्षेत्र एवं दक्षिण भारत के औद्योगिक हब के रूप में विकसित हो रहे तूतिकोरिन पोर्ट प्रमुख बंदरगाहों में से एक हैं। तुतुकु़डी ब्रिटिश राज के ज़माने में तूतिकोरिन के नाम से जाना जाता था। पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के देवेन्द्र कुला वेलालर समुदाय को एक छत के नीचे लाने की घोषणा के बाद वर्षों पुरानी उनकी मांग का समाधान हुआ है। आगामी चुनाव में भाजपा इसका फायदा उठाने की कोशिश कर सकती है। प्रधानमंत्री के साथ ही कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी इस क्षेत्र में चुनावी यात्रा करने वाले हैं।
बदनामी के कारण रहा था चर्चाओं में
हालांकि पिछले दिनों बदनामी के चलते अधिक चर्चाओं में रहा। तुतुकुडी जिले में जे. बेनिक्स और उनके पिता पी. जयराज पर पुलिस ने निर्मम अत्याचार किया था जिससे दोनों की मौत हो गई थी। सीबीआई ने पुलिसकर्मियों पर हत्या एवं सबूत मिटाने के आरोप लगाए थे। मामले में दस पुलिसकर्मियों को नामजद किया था।
स्टरलाइट कॉपर प्लांट से विवादों का नाता
पिछले दिनों ही तमिलनाडु सरकार ने हिंसक विरोध प्रदर्शनों और पुलिस की गोलीबारी में 13 लोगों की मौत के बाद पर्यावरण संबंधी समस्याओं पर चिंता जताते हुए बंदरगाह शहर में स्थित स्टरलाइट कॉपर प्लांट को बंद करने का आदेश दिया था। स्थानीय और कुछ बाहरी प्रदर्शनकारी इकाई के प्रस्तावित विस्तार का विरोध कर रहे थे। उनका कहना था कि मौजूदा इकाई खुद ही जानलेवा प्रदूषण का कारण है। उन्होंने दावा किया कि दो दशकों से अस्तित्व में आने के दौरान से इस संयंत्र ने कैंसर के मामलों और सांस संबंधी रोगों की बढ़ोतरी की है और हवा तथा भूजल को प्रदूषित किया है। हालांकि इस निर्णय को औचित्यपूर्ण नहीं ठहराया जा सकता है लेकिन दूसरी तरफ देखा जाएं तो इस संयंत्र का इतिहास खराब ही रहा है। पर्यावरणीय मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए संयंत्र कटघरे में रह चुका था और इसे बंद करने के आदेशों और अदालती मामलों का एक विवादास्पद रिकॉर्ड है। दूसरी तरफ अधिकारियों का यह भी दावा था कि स्थानीय आबादी के स्वास्थ्य को संयंत्र से जोड़ने का कोई आधिकारिक साक्ष्य नहीं है।
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इलाके के लोगों की प्रमुख मांगें
– उद्योगों में युवाओं को अधिकाधिक रोजगार मुहैया करवाना
– बंदरगाह एवं एयरपोर्ट का विस्तार
– कृषि एवं मत्स्य पालन के लिए स्टोरेज सुविधाएं उपलब्ध कराना
– बरसाती पानी के पुनर्भरण की समस्या
– नमक उत्पादन को पहचान दिलाना
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मौजूदा समय में एआईएडीएमके व डीएमके के पास आधी-आधी सीटें
तुतुकु़डी लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाली छह विधानसभा सीटों पर मौजूदा समय में एआईएडीएमके एवं डीएमके के पास बराबर सीटें हैं। हाालांकि पिछले लोकसभा चुनाव में डीएमके की कनिमोई ने भारी जीत दर्ज की थी। उनके सामने एआईएडीएमके की सहयोगी भाजपा की तमिलसै सौंदरराजन को हार का सामना करना पड़ा था। सौंदरराजन को बाद में तेलंगाना का राज्यपाल बना दिया गया। एआईएडीएमके के कादम्बर राजू मौजूदा सरकार में मंत्री है। ऐसे में उनकी प्रतिष्ठा दांव पर रहेगी। मौजूदा विधायक डीएमके की गीता जीवन भी डीएमके सरकार में मंत्री रह चुकी है। हालांकि अभी गठबंधन को लेकर भी तस्वीर साफ नहीं हुई है। संभवत चुनावों की घोषणा के बाद ही प्रमुख दलों के साथ गठबंधन को अंतिम रूप दिए जाने पर कुछ कहा जा सकेगा।
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तुतुकुडी लोकसभा के अधीन विधानसभा क्षेत्र एवं मौजूदा विधायक
विलातिकुलम- पी. चिन्नपन (एआईएडीएमके)
तुतुकुडी- पी. गीता जीवन (डीएमके)
तिरुचेन्दूर -अनिता आर. राधाकृष्णन (डीएमके)
श्रीवैकुण्डम – एसपी षणमुगनाथन (एआईएडीएमके)
ओटापिदरम (एससी)-सी. षणमुगैया (डीएमके)
कोविलपट्टी -कादम्बूर राजू (एआईएडीएमके)
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