चार्जशीट में सातनकुलम पुलिस स्टेशन के पूर्व एसएचओ एस. श्रीधर, दो सब-इंस्पेक्टर के बालाकृष्णन और पी. रघुगणेश, दो हैड कांस्टेबल एस. मुरुगन और ए. सामदुरै, और चार कांस्टेबल तुत्तुराजा, एस चेल्लादुरै, एक्स थॉमस फ्राांसिस और वेईल मुत्तु को आपराधिक साजिश, हत्या, गलत तरीके से बंदी बनाना, सबूत नष्ट करना और झूठे आरोप लगाना के लिए नामांकित किया गया है। सभी नौ आरोपी जेल में बंद हैं।
सीबीआई अधिकारियों ने कहा कि जुलाई महीने में सब-इंस्पेक्टर पॉलदुरै को गिरफ्तार किया गय था लेकिन वे कोरोना संक्रमित हो गए और अस्पताल में उनकी मौत हो गई। चार्जशाीट में पॉलदुरै को आरोपी नहीं बनाया गया है, लेकिन उनकी भूमिका का उल्लेख किया गया है। ज्ञातव्य है कि इससे पहले सात जुलाई को सीबीआई ने इस मामले में दो केस दर्ज कर अपनी जांच शुरू कर दी थी। सीबीआई ने लगभग ढाई महीने में हर स्तर पर जांच करने के बाद इस निर्णय पर पहुंची है।
यह था मामला
कथित तौर पर पुलिस की बर्बरता के लिए व्यापक रूप से निंदा किए जाने वाले मामले में जयराज और उनके बेटे बेनीक्स को कथित रूप से 19 जून की रात सातनकुलम पुलिस ने अस्पताल में मरने से पहले प्रताडि़त किया था।
19 जून की रात सातनकुलम पुलिस ने 59 वर्षीय जयराज और 31 वर्षीय उनके पुत्र बेनीक्स को 19 जून को अपने मोबाइल फोन की दुकान को निर्धारित समय से 15 मिनट पहले खुला रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
पुलिस ने दावा किया कि दोनों ने लड़ाई लड़ी थी, मौखिक गालियों की बौछार की और गिरफ्तारी का विरोध करते हुए सडक़ पर घुमाया। कथित तौर पर दोनों लोगों को पुलिस हिरासत में क्रूरता से यातनाए दी गई। उनके परिवार ने आरोप लगाया कि उनके पास गंभीर आंतरिक और बाहरी घाव हैं। राष्ट्रव्यापी आक्रोश और शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग के बाद मुख्यमंत्री ई पलनीस्वामी ने मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो को सौंप दिया था।