विदित हो तमिलनाडु में ९ केन्द्रीय जेल है जिनमें हजारों कैदी है। केन्द्रीय जेल के अलावा ९ जिला जेल, ९५ सब जेल, तीन महिला विशेष सब जेल के कैदियों को रिहा किया जाएगा। जेल विभाग उन कैदियों की सूची बना रहा है जो विचाराधीन है और जो सामान्य अपराध के लिए जेल में सजा काट रहे है। राज्य के सभी जेलों से ऐसे 75 प्रतिशत विचाराधीन कैदियों को रिहा करने के निर्देश है।
एक अधिकारी ने बताया कि जिन्हें छोड़ा जा रहा है ये वे कैदी होंगे जो जेल में सात साल से कम की सजा काट रहे हैं। जिन्हें छोड़ा जाएगा, उनमें ज्यादातर के खिलाफ ट्रायल जारी है। वहीं कुछ ऐसे भी हैं, जिन्हें पहले पैरोल या फर्लो पर छोड़ा जा चुका है। हालांकि, आतंकवाद और आर्थिक अपराध से जुड़े लोगों को जेल से नहीं निकाला जाएगा।
कैदियों को पैरोल पर पहले 45 दिन के लिए रिहा किया जाएगा। अगर एपिडेमिक डिजीज एक्ट, 1897 इसके बाद भी लागू रहता है, तो पैरोल को 30 दिन और बढ़ाया जाएगा। एक बार जब यह यह कानून वापस ले लिया जाएगा, तब सभी कैदियों को वापस जेल में डाल दिया जाएगा।
कोरोना को लेकर पूझल केन्द्रीय जेल से अबतक 200 कैदी रिहा किए गए, जिससे कैदियों के परिजनों के चेहरे खुशी से खिल उठे। जेल अधीक्षक ने बताया कि शासन के आदेश पर गठित कमेटी की सरकारके निर्देशानुसार 200 कैदियों को पैरोल पर रिहा किया गया है। उन्होंने बताया कि सभी कैदियों को सैनिटाइज कराकर पुलिस के वाहनों से उनके थानों पर भेजा गया है।