पहला भाग आठ से तीस वर्ष तक का होता है। इस समय में आदमी को अधिक से अधिक ज्ञानार्जन करने का प्रयास करने के साथ ही धार्मिक ज्ञान का अर्जन करने का भी प्रयास करना चाहिए। दूसरा भाग तीस से साठ वर्ष तक का होता है। इसमें अपने जीविकोपार्जन के कार्यों के साथ धार्मिक कार्यों में भी समय लगाने का प्रयास करना चाहिए। साठ से आगे के आयुष्य को तीसरा भाग माना जाता है। इसमें आदमी को अपनी आत्मा की ओर विशेष ध्यान देकर धर्म में प्रवृत्त होने और अपनी सुगति बनाने का प्रयत्न करना चाहिए।
आदमी को भौतिक जीवन से मोड़ लेकर आध्यात्मिक जीवन जीने की ओर प्रस्थान करने की कोशिश करती चाहिए। प्रवचन के बाद आचार्य ने ‘मुनिपत के व्याख्यान’ क्रम को भी आगे बढ़ाया। आज भी आचार्य की मंगल सन्निधि में अनेक तपस्वियों ने अपनी-अपनी धारणा के अनुसार अपनी तपस्याओं का प्रत्याख्यान किया। इस प्रकार निरंतर तपस्या का क्रम जारी है।
पुलिस से सांस की जांच करने वाली डिवाइस छीन कर भागा युवक
पुलिस के समक्ष शराब की एक बूंद भी नहीं पीने की बात कही
चेन्नई सिटी ट्रेफिक पुलिस को एक अजीबो-गरीब वाकये का सामना करना पड़ा। सिटी ट्रेफिक पुलिस की टीम शहर के अभिरामीपुरम इलाके में शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ अभियान चला रही थी। इसी दौरान एक युवक गिरफ्तारी से बचने के लिए पुलिस द्वारा सांस की जांच में इस्तेमाल की जाने वाली डिवाइस ही लेकर भाग गया। पुलिस ने उस युवक को गिरफ्तार कर लिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सिटी ट्रेफिक पुलिस के हेड कांस्टेबल बालन एक इंस्पेक्टर और एक सब-इंस्पेक्टर के साथ ग्रीनवेज रोड जंक्शन पर वाहनों को रोक कर शराब पीकर वाहन चलाने वाले चालकों की जांच कर रहे थे। उसी दौरान उन्होंने रात 9 बजकर 5 मिनट पर एक लाल रंग की फोक्सवैगन कार को रुकने का इशारा किया। कार रुकी तो बालन ने चालक से खिडक़ी का कांच नीचे करने को कहा ताकि पुलिसकर्मी डिवाइस से उसकी सांस की जांच कर सके, लेकिन चालक वेलचेरी निवासी डी बूशन ने डिवाइस से अपनी सांस की जांच करवाने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि वह नशे में नहीं है।
एक अधिकारी ने बताया, शुरुआत में चालक से यह पूछा गया कि वह कहां से आ रहा है तो उसने बताया कि वह सेंथॉम से आ रहा है। जब कांस्टेबल को लगा कि वह नशे में है तो उस पर जांच करवाने का दबाव डाला गया। उन्होंने बताया कि, कॉन्स्टेबल को बूशन के नशे में होने का पूरा विश्वास था जबकि बूशन ने दावा किया कि उसने शराब की एक बूंद भी नहीं पी, लेकिन डिवाइस में उसके फूंक मारने के बाद लाल रोशनी से यह साफ था कि उसके खून में शराब की मात्रा बहुत ज्यादा है।
पुलिस ने बताया कि डिवाइस से निकली लाल रोशनी को देखकर बूशन घबरा गया और डिवाइस लेकर भाग गया। बालन ने तुरंत अपनी टीम और ट्रेफिक पुलिस विभाग को इसकी जानकारी दी, जिसके बाद लीला पैलेस के पास बूशन को रोक लिया और वहां पुलिस ने उसकी दुबारा जांच की जिसमें वह शराब पीया हुआ पाया गया। इस पर उस पर 2500 रुपए का जुर्माना लगाया गया, जो उसे कोर्ट में भरना होगा।
ट्रेफिक पुलिस ने बूशन को अभिरामीपुरम थाने के हवाले करते हुए उसके खिलाफ चोरी की शिकायत दर्ज कराई है। अभिरामीपुरम पुलिस ने बूशन के खिलाफ चोरी, सरकारी कर्मचारी के काम में बाधा डालने और आपराधिक वारदात को अंजाम देने का मामला दर्ज किया है। पुलिस पूछताछ में यह बात सामने आई है कि वह अण्णा विश्वविद्यालय का छात्र है और कोयम्बेडु के पास रहने वाले अपने दोस्त के घर से आ रहा था।