बैठक में तमिलनाडु से शामिल हुए मछली पालन मंत्री डी. जयकुमार ने कहा राज्य जीएसटी दरों में बदलाव के सुझाव पर सहमत है चूंकि अर्थव्यवस्था फिलहाल सामान्य है तथा जीएसटी के जरिए आय बढ़ाने के कई तरीके हैं। बहरहाल, हम वस्तुओं व सेवाओं के करमुक्त संबंधी वाक्य को हटाने का विरोध करते हैं।
उन्होंने कहा करमुक्त में छूट के प्रावधान का फायदा लघु व मध्यम दर्जे के कारोबारियों, किसानों व हथकरघा उद्योग में शामिल लोगों को मिलेगा। अगर इस करमुक्त वाक्य को वापस लिया जाता है तो ये वर्ग गंभीर रूप से प्रभावित होगा। परिषद को केंद्रीय मुआवजे के साल भी बढ़ाने पर विचार करना चाहिए यदि कर वसूली १५ प्रतिशत से कम होती है। अन्यथा जीएसटी परिषद करों में क्षतिपूर्ति सेस को जोड़ सकती है।
जीएसटी न्यायाधिकरण की मांग
राज्य ने जीएसटी मामलों के निपटारे के लिए जीएसटी न्यायाधिकरण के गठन की मांग की। उनका यह भी सुझाव था कि परिषद विधि समिति की उस अनुशंसा को माने जिसके तहत २ करोड़ तक के कारोबार पर पूरी छूट हो तथा ५ करोड़ तक के कारोबारियों को अंकेक्षण प्रमाण पत्र पेश करने की अनिवार्यता से मुक्ति मिले। राज्य ने फिटमेंट कमेटी के समक्ष कई सुझाव रखे जो जीएसटी दरों में संशोधन के लिए बनाई गई है। बैठक में उनके साथ अपर मुख्य सचिव व वाणिज्यिक कर आयुक्त टीवी सोमनाथन, प्रधाान सचिव के. बालचंद्रन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।