लेकिन एआईएडीएमके ने नीट का हर संभव विरोध किया और सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए मेडिकल प्रवेश के लिए 7.५ प्रतिशत आरक्षण देकर 435 विद्यार्थियों को मेडिकल कॉलेज में प्रवेश पाने के लिए सक्षम बनाया, ताकि वे मुफ्त शिक्षा प्राप्त कर सकें। ऐसे में झूठी कहानी बना कर डीएमके नेता लोगों को बेवकुफ नहीं बना सकते हैं। वेदारान्यम में हथकरघा और टैक्सटाइल्स मंत्री ओएस मणियन के लिए चुनावी प्रचार करते हुए मुख्यमंत्री ने यह बात कही। मीथेन निष्कर्षण मुद्दे का जिक्र करते हुए पलनीस्वामी ने कहा किसानों द्वारा विरोध के बाद एआईएडीएमके ने डेल्टाई जिलों को सुरक्षित जोन घोषित करते हुए डीएमके द्वारा शुरू की गई परियोजना को विफल कर दिया था।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कृषि और गोल्ड लोन माफी से 14 लाख किसानों को लाभ मिला है। एआईएडीएमके ऐसी पार्टी है जहां एक किसान भी मुख्यमंत्री बन सकता है। वहीं डीएमके एक कार्पोरेट कंपनी हैं जहां स्टालिन उसके चेयरमैन है और उदयनिधि, कनिमोझी व दयानिधि मारन निर्देशक हैं। पलनीस्वामी ने कहा वे जानना चाहते हैं कि डीएमके शासन में क्या एक भी किसान मुख्यमंत्री बन सकता है? ऐसा कभी संवभ ही नहीं हो सकता है। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि डीएमके के पास कोई भी उपलब्धि नहीं है।
सिर्फ झूठे वादे से राज्य की जनता को लुभाने की कोशिश की जाती है। राज्य की जनता को डीएमके को सत्ता में नहीं आने देनी चाहिए। उन्होंने प्रचार के दौरान जनता से एआईएडीएमके की सत्ता वापसी के लिए वोट करने का भी आग्रह किया।