उन्होंने तमिल भाषा के साथ भेदभाव का भी आरोप लगाया। भाजपा ने इस मुद्दे पर स्टालिन को तीखा जवाब दिया है। भाजपा ने स्टालिन को इस द्वीप का इतिहास याद दिलाते हुए सवाल किया कि आखिर कांग्रेस राज में कभी द्रमुक और स्टालिन ने यह मुद्दा क्यों नहीं उठाया।
मर्यादित नहीं था मुख्यमंत्री का व्यवहार
तमिलनाडु के भाजपा प्रमुख के. अन्नामलाई ने भी एमके स्टालिन पर पलटवार किया और उन्होंने कहा कि उनके इस व्यवहार से वह बेहद शर्मिंदा हैं। अन्नामलाई ने कहा, नरेंद्र मोदी एक प्रधानमंत्री के तौर पर पहुंचे थे। यह कोई भाजपा का कार्यक्रम नहीं था। हमारे मुख्यमंत्री को विनम्रता दिखानी चाहिए थी लेकिन उन्होंने अभद्रता दिखाई। मुख्यमंत्री का व्यवहार मर्यादित नहीं था।
इंदिरा गांधी ने दे दिया था श्रीलंका को गिफ्ट
अन्नामलाई ने कहा कि 1974 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने समुद्री सीमा समझौते पर हस्ताक्षर किया था। इस समझौते के जरिए यह द्वीप गिफ्ट में श्रीलंका को दे दिया गया था। उसके बाद से श्रीलंका की ओर से द्वीप के आसपास से मछली पकडऩे वाले भारतीय मछुआरों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। कई बार भारतीय मछुआरों को श्रीलंका सरकार की ओर से गिरफ्तार भी किया जा चुका है।
जीएसटी की मांग पर दिया जवाब
एमके स्टालिन ने कहा कि केंद्र सरकार चाहती है कि राज्य सरकारें जनता की सेवा न कर पाएं। तमिलनाडु सरकार को केंद्र से अब तक 21761 करोड़ की राशि नहीं मिली है। इसपर अन्नामलाई ने कहा कि जीएसटी के मामले में एमके स्टालिन को समझना चाहिए कि काउंसिल ने सभी की सहमति से फैसले किए थे। तमिलनाडु ने मुआवजे का जो विकल्प चुना था उसके तहत जुलाई 2022 के बाद उसे धनराशि मिलनी चाहिए। वे फालतू का मुद्दा बना रहे हैं। अब कि जब जीएसटी कलेक्शन बढ़ा है तो तमिलनाडु को भी ज्यादा फायदा हो रहा है। वे तथ्यों को छोडक़र केवल राजनीति करना चाहते हैं।
मोदी ने भी दिया तमिल भाषा पर जवाब
स्टालिन ने मंच पर पीएम मोदी से मांग की थी कि तमिल का आधिकारिक और न्यायालय की भाषा बनाया जाए। उसे हिंदी के समान दर्जा दिया जाए। इसपर पीएम मोदी ने मंच से ही जवाब देते हुए कहा था कि तमिल शाश्वत और वैश्विक भाषा है। तमिल भाषा, संस्कृति के लिए भारत सरकार प्रतिबद्ध है। भारत सरकार इसके लिए फंड भी जारी करती है। वहीं के अन्नामलाई ने भी जवाब दिया और कहा कि पीएम मोदी ने तमिल भाषा के प्रति अपना लगाव प्रकट किया। मुझे नहीं लगता कि स्टालिन को अब कोई जवाब देना चाहिए क्योंकि वे केवल तुच्छ राजनीति में यकीन करते हैं।