शनिवार को तमिलनाडु सरकार ने कीलपॉक स्थित एक निजी अस्पताल को कोविड-19 मरीजों का इलाज करने की दी गई अनुमति को अस्थायी रूप से वापस ले लिया गया। सरकार ने यह कदम एक कोविड-19 मरीज से 19 दिनों के लिए 12 लाख रुपए का बिल वसूलने के आरोप के बाद उठाया। इसके बाद मुख्यमंत्री पलनीस्वमी ने निजी अस्पतालों को कोरोना रोगियों के इलाज का खर्च तय करने करने का आदेश दिया है। उन्होंने साथ ही कहा कि मनमानी फीस वसूलने की शिकायत प्राप्त होने के बाद उक्त अस्पताल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
तमिलनाडु सरकार ने जून महीने में निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए अधिकतम शुल्क की सीमा तय कर दी थी। नए दिशानिर्देशों के अनुसार अस्पतालों को सुविधाओं के आधार पर वर्गीकृत किया गया है। सरकारी आदेश में बताया गया कि ग्रेड-एक और ग्रेड-दो स्तर के अस्पताल जनरल वॉर्ड के लिए प्रतिदिन अधिकतम 7,500 रुपए तक शुल्क वसूल सकते हैं जबकि ग्रेड-तीन और ग्रेड-चार स्तर के अस्पताल प्रतिदिन पांच हजार रुपये तक शुल्क वसूल सकते हैं।
अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराने के लिए ग्रेड-एक से चार तक सभी स्तर के अस्पताल प्रतिदिन अधिकतम 15,000 रुपए तक का शुल्क वसूल सकते हैं। आदेश में कहा गया है कि निजी अस्पताल इससे अधिक शुल्क नहीं वसूल सकते।