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सातानकुलम कस्टडी मौत की जांच तक पलनीस्वामी को गृह मंत्री का कार्य देखने से रोका जाए

locationचेन्नईPublished: Jul 03, 2020 08:48:07 pm

Submitted by:

P S VIJAY RAGHAVAN

– सीएम पलनीस्वामी के खिलाफ जनहित याचिका
– पलनीस्वामी पर आरोपी पुलिसकर्मियों को बचाने का आरोप
 
 

TN CM shouldn’t hold portfolio of Home Ministry till probe is on, says PIL in SC

TN CM shouldn’t hold portfolio of Home Ministry till probe is on, says PIL in SC

चेन्नई/नई दिल्ली.

पुलिस ज्यादती के काले इतिहास को उजागर करने वाली तुत्तुकुड़ी (सातानकुलम) कस्टडी में पिता-पुत्र की मौत के मामले में मुख्यमंत्री ईके पलनीस्वामी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कडलूर मूल के एक अधिवक्ता ने जनहित याचिका दायर की है। उनका आरोप है कि सीएम आरोपी पुलिसकर्मियों को बचाने की जुगत में हैं।

अधिवक्ता ए. राजाराम ने अर्जी लगाई कि इस कांड की जांच पूरी हो जाने तक मुख्यमंत्री ईके पलनीस्वामी जिनके पास गृह विभाग का भी कार्यभार है, को विभागीय कार्य करने से रोका जाना चाहिए। याची का आरोप है, मुख्यमंत्री अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अभियुक्तों को बचाने की कोशिश में हैं। आला अदालत उनकी इस संदेहास्पद भूमिका की जांच के सीबी-सीआइडी को आदेश जारी करे।

याचिका के अनुसार व्यापारी पी. जयराज और जे. बेनिक्स की कस्टडी मौत मामले में मद्रास हाईकोर्ट के स्वत: संज्ञान लेकर जांच आदेश देने के बाद भी मुख्यमंत्री ने २४ जून को आरोपियों के बचाव में बयान जारी किया था कि पिता-पुत्र की मौत पुलिस यातना से नहीं बल्कि बीमारी की वजह से हुई थी।

याची अधिवक्ता ने इस बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया अनुचित, आलोचनीय और कानून के खिलाफ थी जबकि पुलिस ने तो सीआरपीसी कानून के तहत ३० जून तक जांच कार्रवाई भी शुरू नहीं की थी। यहां तक कि मजिस्ट्रेट की न्यायिक जांच भी शुरुआती स्तर पर है।

याची ने आरोप लगाया कि सीएम के पास गृह विभाग का कार्यभार है इसलिए उन्होंने पुलिसकर्मियों के बचाव में बयान देकर सरकार की छवि को सुधारने की कोशिश की है। सीबी-सीआइडी ने आइपीसी की धारा ३०२ के तहत मुकदमा दर्ज किया है। पांच पुलिसकर्मी गिरफ्तार किए है। प्रथम दृष्ट्या यह लगता है कि सीएम का आचरण कानून के विपरीत रहा है। ऐसे में उनको गृह मंत्री बने रहने देना स्वतंत्र व निष्पक्ष जांच को प्रभावित करेगा। सुप्रीम कोर्ट जल्द ही इस याचिका पर सुनवाई करेगा।

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