रामसामी ने कहा कि सदन में नीट पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर एआईएडीएमके सदस्य इन्बदुरै ने इस परीक्षा की जगह डीएमके-कांग्रेस गठबंधन पर निशाना साधा। उन्होंने केवल यही कहा कि नीट कांग्रेस शासन में आई लेकिन यह नहीं बताया कि उसमें यह छूट थी कि जो राज्य इसे लागू नहीं करना चाहते हैं उन पर किसी तरह का दबाव नहीं होगा।
नलिनी चिदम्बरम के नीट से जुड़े न्यायिक मामले की पैरवी करने पर रामसामी ने कहा न्यायालय में कई अधिवक्ताओं ने केस लड़ा उनमें से एक वे भी थी। इसका आशय यह नहीं है कि कांग्रेस नीट की हिमायती है। कांग्रेस नीट के पक्ष में नहीं है। हमने सदन में कहा कि जो शख्स यहां अनुपस्थित है उसका नाम नहीं लिया जाना चाहिए और सदन की कार्यवाही से हटाया जाना चाहिए। लेकिन स्पीकर ने हमारी बात नहीं मानी।
कांग्रेस विधायक दल नेता ने कहा कि यहां नीट की आवश्यकता नहीं है। तमिलनाडु सरकार की बात की जाए तो वह इसके खिलाफ राय रखने में अक्षम है। सत्तारूढ़ नेता भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। अगर वे कोई मसला उठाएंगे तो केंद्र सरकार इनकी सूची जारी कर कार्रवाई शुरू कर देगी। लिहाजा वे भय में किसी तरह का विरोध नहीं कर रहे।
रामसामी ने पूछा कि यह सरकार स्वर्गीय जयललिता द्वारा जुटाए गए वोटों से बनी और चल रही है। जब वे मुख्यमंत्री थी तब उन्होंने केंद्र सरकार के खिलाफ समुद्रतट पर अनशन किया था। अब क्यों नहीं सीएम पलनीस्वामी ऐसी हिम्मत दिखाते? हम समुद्रतट पर अनशन के लिए तैयार हैं क्या सीएम हमारा साथ देंगे?