पुलिस के मुताबिक इससे पहले कीर्तिवासन ने 2019 और 2020 में भी नीट की परीक्षा दी थी, लेकिन वह सफल नहीं हो सका था। देश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए होने वाली नीट की परीक्षा में वह तीसरी बार बैठा था। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा परीक्षा की उत्तर कुंजी प्रकाशित करने के बाद से ही युवक परेशान था और उसने अपने माता-पिता से कहा कि वह इस साल भी परीक्षा पास नहीं कर पाएगा।
उसके माता-पिता ने उसे परीक्षा परिणाम की प्रतीक्षा करने की सलाह दी, लेकिन इसके बावजूद कीर्तिवासन ने कथित तौर पर शुक्रवार दोपहर को कीटनाशक खा लिया, जिसके बाद उसे पोल्लाची के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। पोल्लाची अस्पताल के चिकित्सकों ने उसे सरकारी अस्पताल में ले जाने की सलाह दी, जहां उसकी मौत हो गई। उसका शव शनिवार को पोस्टमार्टम के बाद उसके माता-पिता को सौंप दिया गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच कर रही है।
पीएमके यूथ विंग के नेता और राज्यसभा सांसद डा. अंबुमणि रामदास ने मौत पर दुख व्यक्त किया और तमिलनाडु सरकार से छात्रों के हितों की रक्षा के लिए राज्य में नीट परीक्षा को रद्द करने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया। तमिलनाडु को छूट देने की मांग करने वाले राज्य विधानसभा में विधेयक के पारित होने की ओर इशारा करते हुए कहा कि विधेयक को अभी राज्यपाल की मंजूरी मिलनी बाकी है। उन्होंने राज्यपाल आरएन रवि से विधेयक पर अपनी सहमति देने का आग्रह किया और बिना किसी और देरी के इसे केंद्र को भेजने का आग्रह किया।