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शराब की दुकानों को खुलने की अनुमति देने को लेकर विपक्षी दलों ने की राज्य सरकार की निंदा

locationचेन्नईPublished: May 05, 2020 07:31:17 pm

Submitted by:

Vishal Kesharwani

कोरोना वायरस के प्रसार पर नियंत्रण करने के उद्देश्य से पिछले काफी दिनों से जारी लॉकडाउन के बीच राज्य सरकार द्वारा 7 मई से शराब की दुकानों को खुलने की दी गई अनुमति का राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी डीएमके समेत अन्य राजनीतिक दलों ने सख्ती से निंदा की है।

शराब की दुकानों को  खुलने की अनुमति देने को लेकर विपक्षी दलों ने की राज्य सरकार की निंदा

शराब की दुकानों को खुलने की अनुमति देने को लेकर विपक्षी दलों ने की राज्य सरकार की निंदा


चेन्नई. कोरोना वायरस के प्रसार पर नियंत्रण करने के उद्देश्य से पिछले काफी दिनों से जारी लॉकडाउन के बीच राज्य सरकार द्वारा 7 मई से शराब की दुकानों को खुलने की दी गई अनुमति का राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी डीएमके समेत अन्य राजनीतिक दलों ने सख्ती से निंदा की है। इतना ही नहीं बल्कि एआईएडीएमके की सहयोगी पार्टी पीएमके ने भी विपक्षी दलों के साथ आकर राज्य सरकार की निंदा की।

 

डीएमके अध्यक्ष एम.के. स्टालिन ने कहा अपने हिस्सेदारी की जीएसटी और वित्त आयोग द्वारा आवंटित साझेदारी समेत अन्य बकाया राशि प्राप्त करने की ओर कदम उठाने के बजाय राज्य सरकार लॉकडाउन के बीच भीड़ इकट्ठा करने के लिए शराब की दुकानों को खुलने की अनुमति दी है, जो कि सख्ती से निंदनीय है। वर्तमान की परिस्थिति काफी नाजुक है और इसमें शराब के दुकानों को खोलने का निर्णय काफी चौकाने वाला निर्णय है। सरकार को अपने इस निर्णय को तत्काल वापस लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर शराब की दुकाने खोल दी जाएंगी तो लॉकडाउन करने का मतलब क्या होगा?

 

पीएमके संस्थापक एस. रामदास ने कहा सरकार के इस दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय का लोगों को काफी खतरनाक परिणाम झेलना पड़ सकता है। लॉकडाउन की वजह से पिछले 40 दिनों से शराब की दुकाने बंद है और एक भी नाकारात्मक रिपोर्ट सामने नहीं आईं, जो कि काफी सराहनीय बात है। ऐसे में शराब की दुकानों को खोलने को लेकर राज्य सरकार द्वारा बताए जा रहे कारण अस्वीकार्य हैं। यह निर्णय कानून व्यवस्था बिगाड़ेगी जिससे कोरोना के मामलों में तेजी से विस्तार होगा। ऐसी परिस्थिति को देखते हुए सरकार को अपना निर्णय वापस लेना चाहिए।

 

एमएमके पार्टी नेता एम.एच. जवाहिरुल्ला ने कहा कि लॉकडाउन के बीच राज्य सरकार ने राशन कार्ड धारकों में एक हजार नकदी देकर सहायता प्रदान की थी। अब ऐसा लग रहा है कि शराब की दुकानों को खोलकर सरकार ब्याज के साथ सहायता की राशि को वसुलना चाहती है। उन्होंने कहा कि शराबी कभी भी सामाजिक दूरी का पालन नहीं कर सकते हैं और इससे वायरस का प्रसार फिर से शुरू हो जाएगा।

 

इससे पहले अम्मा मक्कल मुनेत्र कषगम (एएमएमके) के महासचिव टीटीवी दिनकरण ने शराब की दुकानों को खोलने के निर्णय को लेकर राज्य सरकार की निंदा की। यहां जारी एक विज्ञप्ति में उन्होंने कहा मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाली सरकार ने जो शराब की दुकानों को खोलने का विचार किया है वह गलत है। ऐसा करके आम जनता के जीवन को खतरे में डाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह सुनहरा मौका था जिसमें शराब पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जा सकता है, लेकिन सरकार अपने फायदे के लिए ऐसा नहीं कर रही है।

 

उल्लेखनीय है कि सोमवार को ही राज्य सरकार ने कहा था कि 7 मई से सुबह 10 से शाम 5 बजे तक शराब की दुकाने खोली जाएंगी। अपने आदेश में राज्य सरकार ने कहा था कि कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में शराब की दुकाने खोल दी गई हैं और सीमाओं पर लोगों की आवाजाही रोकने के उद्देश्य से राज्य में शराब की दुकाने खोलने का निर्णय लिया गया है। शराब खरीदने गए लोगों को कम से कम छह फीट दूरी में खड़े होकर सामाजिक दूरी का पालन करना होगा।

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