राजा मुथैया इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ साइंस का प्रशासन अब स्वास्थ्य विभाग के पास
- पीजी विद्यार्थियों का ४५ दिनी प्रदर्शन

चेन्नई. अत्यधिक फीस वसूली के खिलाफ चिदम्बरम स्थित राजा मुथैया इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड साइंस का राष्ट्रीयकरण कर दिया गया है। तमिलनाडु सरकार ने संस्थान के पीजी विद्यार्थियां की अतिशुल्क वसूली के खिलाफ चल रहे ४५ दिनों के प्रदर्शन तथा प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट के आधार पर गुरुवार को इस निर्णय का शासनादेश जारी किया। इस संस्थान का नाम कडलूर गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज कर दिया जाएगा।
पिछले सप्ताह अण्णामलै विश्वविद्यालय ने अंडरग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट की सभी कक्षाएं अगले आदेश तक बंद करने की घोषणा की थी। केवल प्रथम वर्ष के नए विद्यार्थियों के लिए क्लास लग रही थी। यूजी और पीजी विद्यार्थियों को होस्टल खाली करने के भी आदेश हो गए थे।
एक विद्यार्थी का आरोप था कि २०१३ से मेडिकल कॉलेज का प्रशासन सरकार द्वारा किए जाने के बाद भी फीस सरकारी मेडिकल कॉलेज की तुलना में बहुत ज्यादा थी। सरकारी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की फीस १३८०० रुपए प्रतिवर्ष है जबकि हमसे ६.५० लाख रुपए वसूले जा रहे थे। पीजी विद्यार्थियों से भी अधिक शुल्क संग्रहण को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ।
सरकार के शासनादेश के तहत इस मेडिकल कॉलेज का प्रशासन उच्च शिक्षा विभाग से स्वास्थ्य विभाग के अधीन ला दिया गया है। अण्णामलै विवि के अधीन इस संस्थान के भविष्य को देखते हुए सरकार ने इसके प्रशासन का कार्य अपने हाथ लिया था। शासनादेश के तहत रानी मय्यमै नर्सिंग कॉलेज व राजा मुथैया डेंटल कॉलेज भी स्वास्थ्य विभाग ही चलाएगा।
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