राजीव गांधी राष्ट्रीय युवा विकास संस्थान (आरजीएनआईवाईडी) परिसर में शुक्रवार को स्वामी विवेकानंद की 155 वीं जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया
-स्वामी विवेकानंद की 155वीं जयंती
-आरजीएनआईवाईडी में मनाया राष्ट्रीय युवा दिवस
श्रीपेरुम्बुदूर.
राजीव गांधी राष्ट्रीय युवा विकास संस्थान (आरजीएनआईवाईडी) परिसर में शुक्रवार को स्वामी विवेकानंद की 155 वीं जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया गया। तीस साल के युवा संन्यासी विवेकानंद द्वारा 27 दिसंबर, 1892 को पक्षपोषित
मंत्र अपने अधिकारों के लिए उठो, जागृत हो और मांग करों, को अपनाने का समय आ गया है। इस्कॉन, नेल्लोर के अध्यक्ष स्वामी एच. एच. सुखदेव ने युवा विकास और राष्ट्र निर्माण के लिए आध्यात्मिक शिक्षा और अभ्यास की आवश्यकता विषय पर एक विशेष व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि वैश्वीकरण के वर्तमान युग में मानव जाति को एकजुट करने हेतु धर्मों से परे, आध्यात्मिक भागफल (एसक्यू) की आवश्यकता है। सुखदेव स्वामी ने कहा किए सभी शास्त्रों में पवित्र मंत्र हैं जिसके उच्चारण द्वारा लोग एक स्वस्थ जीवन जीने और अपने दोषों पर काबू पाने के लिए गुण विकसित कर सकते हैं। भगवान सिर्फ आराम से जीवन जीने के लिए ही नहीं बल्कि चरित्रपूर्ण जीवन जीन के लिए और सुखी जीवन के लिए नही अपितु पवित्र जीवन के लिए हैं। स्वामी सुखदेव ने विस्तृत किया कि जिंदगी अनंत जीवन जीने की एक तैयारी है, अन्यथा यह रहस्य पूर्ण और दुखमयी है।
इससे पूर्व आरजीएनआईवाईडी के निदेशक प्रो. मदन मोहन गोयल ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए युवाओं को समय के उचित उपयोग के लिए आवाहन किया और कहा कि एक घंटे के उचित खर्च से 1000 गुना लाभ होता है और एक घंटे के अनुचित खर्च 1000 गुना हानि होती है।
युवाओं के बीच धैर्य को गतिशील रूप में विकसित करने हेतुए हमें हेस्ट मेक्स वेस्ट के कथन को समझने की आवश्यकता है। जल्दबाजी और आतुरता अक्सर देरी का कारण होता है, प्रात: शीघ्र उठने से समय की अधिकता होने का अहसास होता है जो एक के लिए
काम करने हेतु पर्याप्त है। प्रोफेसर वसन्ती राजेंद्रन ने धन्यवाद का प्रस्ताव दिया। डॉ. राम बाबू बोचा ने कार्यक्रम का समन्वय किया। इस अवसर पर सुख्देव स्वामी ने आरजीएनआईवाईडी परिसर में एक पौधा लगाया।