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आज 380 साल का हुआ मद्रास, जश्न मना रहा महानगर

locationचेन्नईPublished: Aug 22, 2019 01:20:43 pm

Submitted by:

shivali agrawal

अपनी अलग संस्कृति और परम्परा के लिए प्रसिद्ध मद्रास Madras ने गुरुवार को 380 साल पूरे कर लिए है। इसी दिन 22 अगस्त 1639 को तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई की आधारशिला ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा रखी गई थी। उस वक्त इसे मद्रास के नाम से जाना जाता था।

आज 380 साल का हुआ मद्रास, जश्न मना रहा महानगर

आज 380 साल का हुआ मद्रास, जश्न मना रहा महानगर

चेन्नई. अपनी अलग संस्कृति और परम्परा के लिए प्रसिद्ध मद्रास Madras ने गुरुवार को 380 साल पूरे कर लिए है। इसी दिन 22 अगस्त 1639 को तमिलनाडु Tamilnadu की राजधानी चेन्नई की आधारशिला ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा रखी गई थी। उस वक्त इसे मद्रास के नाम से जाना जाता था। करीब 90 लाख की आबादी वाला यह शहर दुनिया का 31वां सबसे बड़ा शहर माना जाता है लेकिन इतिहास की नजर में यह शहर 379 नहीं बल्कि 2 हजार साल पुराना है। दूसरी शाताब्दी में यह चोल साम्राज्य का हिस्सा था। वहीं तोडईमंडलम प्रांत में मद्रास पट्टनम नाम का छोटा सा गांव हुआ करता था। सेंट फोर्ट जार्ज के निर्माण के साथ ही यह अस्तित्व में आया।
आधुनिक मद्रास सेंट फोर्ट जार्ज के निर्माण के साथ ही 22 अगस्त 1639 को अस्तित्व में आया था। इसके बाद ईस्ट इंडिया कंपनी ने आसपास के छोटे-छोटे गांवों को भी मद्रास में ही मिला लिया था।
जमीन के छोटे टुकड़े पर जन्मा था मद्रास
1639 को ईस्ट इंडिया कंपनी ने विजयनगर के राजा पेडा वेंकटराय से कोरोमंडल तट चंद्रगिरी में कुछ जमीन खरीदी थी। इसी जमीन पर आधुनिक मद्रास ने जन्म लिया। यहीं पर सेंट फोर्ट जार्ज का निर्माण किया गया था जो कि औपनिवेशिक गतिविधियों का केंद्र बिंदु था।
समूचा चेन्नई मनाता है मद्रास दिवस
हर साल 22 अगस्त को तमिलनाडु राज्य की राजधानी चेन्नई में मद्रास दिवस समारोह मनाया जाता है। इस दिवस को ये नाम शहर के पुराने नाम मद्रास पर दिया गया है। इस दिन पूरे शहर में जगह-जगह आयोजन किए जाते हैं। इनमें शहर के सभी नागरिक हिस्सा लेते हैं।
विदित हो साल 1939 में मद्रास के इतिहास के बारे में पता लगाने के लिए एक कमेटी भी बनाई गई थी जिसमें इतिहासकार और प्रोफेसर शामिल थे। इस दिवस को मनाने का विचार साल 2004 में चेन्नई हेरिटेज फाउंडेशन द्वारा रखा गया था ताकि ऐतिहासिक धरोहरों का रखरखाव किया जा सके और नागरिक भी इनकी मरम्मत करने जैसी गतिविधियों में हिस्सा ले सकें।

संस्कृति व परम्परा के लिए है प्रसिद्ध
यह शहर अपनी अलग संस्कृति एवं परंपरा के लिए प्रसिद्ध है। ब्रिटिश लोगों ने 17वीं शताब्दी में एक छोटी-सी बस्ती मद्रासपट्टनम का विस्तार करके इस शहर का निर्माण किया था। उन्होंने इसे एक प्रधान शहर एवं नौसैनिक अड्डे के रूप में विकसित किया। बीसवीं शताब्दी तक यह मद्रास प्रेसिडेंसी की राजधानी एवं एक प्रमुख प्रशासनिक केन्द्र बन चुका था।

मेडिकल व ऑटोमोबाइल का हब
चेन्नई में ऑटोमोबाइल, प्रौद्योगिकी, हार्डवेयर उत्पादन और स्वास्थ्य सम्बंधी उद्योग हैं। यह नगर सॉफ्टवेयर, सूचना प्रौद्योगिकी सम्बंधी उत्पादों में भारत का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक शहर है। चेन्नई एवं इसके उपनगरीय क्षेत्र में ऑटोमोबाइल उद्योग विकसित हैं।
दर्शनीय, पर्यटन स्थल, आकर्षक स्थल, टूरिस्ट पैलेस, चेन्नई फेमस टूर डेस्टिनेशन या चेन्नई पर्यटन से संबंधित अपने ऐतिहासिक, सास्कृतिक धरोहरों के साथ साथ अपने खूबसूरत समुद्री तटों के लिए दुनिया भर के पर्यटकों में जाना जाता है मरीना बीच ।
चेन्नई के दर्शनीय स्थलों में सबसे महत्वपूर्ण स्थान है। मरीना बीच दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बीच माना जाता है। मरीना बीच प्राकृतिक सौंदर्य और ताजा व स्वस्थ हवा के लिए प्रसिद्ध है। समुद्री तट पर चौडी सडक वाले इस बीच के एक ओर शानदार इमारतें हैं तो दूसरी ओर समुद्र और रेतीला तट। इस बीच पर अन्नादुरै और एमजीआर की समाधियां भी हैं। चेन्नई के पर्यटन स्थलों की यात्रा पर आने वाले पर्यटक यहां समुद्र तट पर खूब मस्ती करते हैं। इसी प्रकार बेसेंट नगर में फैला खूबसूरत इलियट्स बीच है। यह बीच आमतौर पर शांत रहता है। पिकनिक मनाने और शांत वातावरण के चहेतों के लिए यह बीच किसी स्वर्ग से कम नहीं है।
यहां के दर्शनीय स्थलों में शामिल है हार्टीकल्चर उद्यान जो कैथेड्रल रोड पर स्थित है। लगभग 22 एकड़ क्षेत्रफल में फैला यह उद्यान विभिन्न प्रकार के रंग बिरंगे फूलों पौधों और पेड़ों से सजा है। यहां के हरियाली भरे वातावरण में सैलानी अक्सर सुकून की तलाश में जरूर आते हंै।
चेन्नई के प्रमुख दर्शनीय एवं धार्मिक स्थलों में शामिल अपना अलग स्थान रखता है कपालीश्वर मंदिर जो मईलापुर में स्थित है। कपालीश्वर मंदिर अपनी द्रविड शैली की स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध है। इसी स्थापत्य को देखने के लिए चेन्नई टूरिस्ट पैलेस के भ्रमण पर आने वाले सैलानी यहां जरूर आते हंै। इस मंदिर का विशाल 37 मीटर लंबा द्वार विशेष रूप से दर्शनीय है।

गवर्नमेंट म्यूजियम
यह सरकारी संग्रहालय काफी पुराना है। इसमें पल्लव चोल और पांड्य राजाओं के समय की कलाकृतियां देखने योग्य हैं। यहां एक आर्ट गैलरी भी है जिसमें आधुनिक और प्राचीन काल के नमूने व चित्र देखे जा सकते हैं। यहां स्थित लेनेटोरियम भी अपनी अलग पहचान रखता है जिसकी नींव सन् 1989 में रखी गई थी। यहां सूर्य, चंद्रमा, तारों की स्थिति, अंतरिक्ष यान, ग्रह, सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण जैसी घटनाएं देखी सकती हैं।
चेन्नई के सुंदर उद्यानों में से एक है गिंडी नेशनल पार्क। यहां बंदर, सियार, बिल्ली, हिरण और पक्षियों ंकी विभिन्न प्रजातियां देखी जा सकती है। यहां मगमच्छ घर, सांप घर और बच्चों के लिए मनोरंजन पार्क भी है। बच्चों के साथ यहां मस्ती की जा सकती है। प्रसिद्ध तमिल कवि तिरुवल्लुवर की स्मृति में स्थित वल्लुवरकोट्टम में उनकी एक आदमकद प्रतिमा है जो 33 मीटर लंबे रथ पर स्थापित है। इसी प्रकार यहां अण्णा ज्यूलोजिकल पार्क है जिसकी चेन्नई से दूरी लगभग 30 किलोमीटर है। यह उद्यान वंडलूर में स्थित है। अन्ना प्राणी उद्यान लगभग 510 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैला हुआ है। यहां पर विभिन्न प्रकार के पशु पक्षी और वन्य जीवों को विचरण करते हुए देखा जा सकता है।

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