दक्षिण रेलवे के सभी 735 स्टेशनों पर शौचालय की सुविधा
चेन्नईPublished: Feb 26, 2019 01:34:33 pm
दक्षिण रेलवे के सभी 735 स्टेशनों पर शौचालय की सुविधा मुहैया कराई गई है। इसके साथ ही ए 1 श्रेणी के सभी आठ स्टेशनों पर डिफ्रेंटली एबल्ड के लिए शौचालय की सुविधा है।
दक्षिण रेलवे के सभी 735 स्टेशनों पर शौचालय की सुविधा
चेन्नई.
दक्षिण रेलवे के सभी 735 स्टेशनों पर शौचालय की सुविधा मुहैया कराई गई है। इसके साथ ही ए 1 श्रेणी के सभी आठ स्टेशनों पर डिफ्रेंटली एबल्ड के लिए शौचालय की सुविधा है। सभी बड़े स्टेशनों पर डीलक्स पे एंड यूज टॉयलेट स्थापित किए गए हैं। हाल ही तमिलनाडु में रेलवे स्टेशनों पर 200 टॉयलेट ब्लॉक्स निर्माण की घोषणा की गई है। इस प्रस्तावित टॉयलेट ब्लॉक में 3 शौचालय महिलाओं तथा तीन पुरुषों के लिए होंगे। साथ ही एक अन्य शौचालय डिफ्रेंटली एबल्ड के लिए है। इनका निर्माण होने के बाद संबंधित जोन को सौंप दिया जाएगा। जोन इसमें उचित जलापूर्ति एवं सफाई का काम देखेगा।
दक्षिण रेलवे के सूत्रों के अनुसार 102 ट्रेनों में स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए ऑन बोर्ड हाउस कीपिंग सेवा की सुविधा मुहैया कराई गई है। इसके साथ कोच मित्र सेवा शुरू की गई है। 118 ट्रेनों में गुणवत्ता आधारित लिनेन मुहैया कराने के लिए मेकेनाइज्ड बुट लांड्री की स्थापना की गई। साथ ही चार अन्य बुट लांड्री स्थापित करने की योजना है। कोचों को अपग्रेड करने के लिए उत्कृष्ट के तहत 44.4 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। इसके तहत नई कलरिंग योजना एवं यात्री सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। इसके बाद 2 रेक की सेवाएं ली जा रही हैं तथा 8 अन्य उत्कृष्ट रेक की सेवाएं मार्च महीने से ली जाएंगी।
दक्षिण रेलवे यात्री सुरक्षा पर ध्यान दे रहा है। 182 हेल्पलाइन पर मिले संदेश के बाद उचित एवं शीघ्र कार्रवाई की जाती है। साथ ही बीमार एवं घायल यात्रियों की सहायता की जाती है। विभिन्न स्टेशनों पर बड़ी संख्या में परित्यक्त एवं गायब हुए बच्चों को बचाकर चाइल्ड हेल्पलाइन तथा उनके अभिभावकों को सौंपा गया। अपराधियों को पकडऩे तथा तोडफ़ोड़ रोकने की जांच के लिए रेलवे सुरक्षा बल 27 खोजी कुत्तों की मदद ले रहा है। दक्षिण रेलवे की ओर से सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सभी समय ट्रेन सेवाओं का सुरक्षित परिचालन किया जाता है। इसके लिए सेफ्टी आडिट्स, विभिन्न चेक, स्टेशन निरीक्षण आदि नियमित रूप से किया जाता है। विभिन्न सेमिनार, अभियान के जरिए ट्रेनों के सुरक्षित परिचालन को लेकर कर्मचारियों को शिक्षित किया जाता है। यात्रियों को सुरक्षा संबंधी जागरूकता पैदा करने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।