सरकार ने यह भी कहा कि प्लांट को बंद करने का निर्णय नीतिगत है जिसमें न्यायालय कोई दखल नहीं दे सकता है। पर्यावरण प्रदूषित करने वाले स्टरलाइट प्लांट पर न्यायालय अथवा सरकार आंख नहीं मूंद सकती। हलफनामे में स्टरलाइट को रही क्षति के दावे को झुठलाया गया कि ३ हजार करोड़ की लागत से यह प्लांट लगा था। इस प्लांट ने कई सालों तक २ हजार करोड़ से अधिक का लाभ कमाया है ऐसे में घाटे की बात को नहीं माना जा सकता है।
सरकार का यह जवाब स्टरलाइट प्लांट की हाईकोर्ट में की गई अपील पर था। स्टरलाइट ने उच्च न्यायालय में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्लांट को बंद करने के आदेश पर अपील की थी। अपील में याची ने कहा कि बोर्ड का निर्णय गलत है। उसके पास कोई साक्ष्य नहीं है कि प्लांट की वजह से पर्यावरण प्रदूषित हुआ है।
मद्रास हाईकोर्ट ने फैसला किया सुरक्षित
मद्रास हाईकोर्ट ने ग्रुप-१ परीक्षा निरस्त करने के मामले में तारीख घोषित किए बगैर फैसला सुरक्षित कर लिया है। ्र्रगत मार्च महीने में तमिलनाडु कर्मचारी भर्ती बोर्ड ने ग्रुप प्रथम की परीक्षा कराई। इस परीक्षा में १.६८ लाख परीक्षार्थी बैठे। इस परीक्षा में पूछे गए २०० में से १८ सवालों के जवाब गलत थे। वेस्ट माम्बलम के एस. विघ्नेश ने हाईकोर्ट में अर्जी दायर कर मांग की कि संशोधित उत्तर सूची प्रकाशित की जाए। संशोधित सूची जारी होने तक प्रथम ग्रुप की मुख्य परीक्षा आयोजित करने पर रोक लगाई जाए। इस मामले पर सुनवाई पूरी होने के बाद न्यायाधीश ने गुरुवार को फैसला सुरक्षित कर लिया।
मद्रास हाईकोर्ट ने निर्णय के खिलाफ दायर याचिका पर तत्काल सुनवाई से किया इनकार
मद्रास हाईकोर्ट ने गुरुवार को नडिगर संगम द्वारा सोसायटीज रजिस्ट्रार के फैसले, जिसमें नडिगर संगम के निर्धारित चुनाव को रद्द कर दिया है, के खिलाफ दायर याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया। हाल ही कोर्ट के एक न्यायाधीश ने पाया कि लोकसभा और विधानसभाओं से ज्यादा नडिगर संगम के चुनाव में प्रचार किया जा रहा है। उसके बाद बुधवार को सोसायटीज के रजिस्ट्रार ने विभिन्न कारणों से एसोसिएशन से निलंबित और बर्खास्त हुए लोगों से पूछताछ के लिए कुछ और समय की मांग करते हुए निर्धारित चुनाव, जो कि २३ को होने वाला था, को रद्द कर दिया।
रजिस्ट्रार के आदेश पर चुनौती देते हुए एसोसिएशन के वकील कृष्णा ने न्यायाधीश पी.डी. आडीकेशवालु के समक्ष तत्काल सुनवाई का आग्रह किया। वे चाहते थे कि कोर्ट द्वारा रजिस्ट्रार के आदेश को रद्द करते हुए निर्धारित समय पर ही चुनाव कराने की अनुमति मिले, लेकिन याचिका पर तत्काल सुनवाई से इंकार करते हुए न्यायाधीश ने कहा कि अगर सामान्य याचिका दायर होती है तो शुक्रवार को सुनवाई की जाएगी।