बंद से पड़ेगा असर
– ३ हजार करोड़ रुपए का निवेश निष्क्रिय हो जाएगा
– ४ हजार करोड़ का बैंक लोन, एनबीएफसी और निजी ऋणदाताओं से लिया गया ऋण एसएमई एनपीए बन जाएगा
– ५ हजार से अधिक प्लास्टिक इंडस्ट्री विशेषकर एसएमई धंधा बंद करने पर मजबूर होंगे।
– सरकार को सलाना १८०० करोड़ रुपए का जीएसटी से होने वाला राजस्व कम हो जाएगा।
– यह इंडस्ट्री दूसरे राज्यों में चली जाएगी जहां की सरकार उन्हें जमीन और बुनियादी ढांचा देने को तैयार है।
– अन्य प्लास्टिक धंधों के भविष्य पर प्रश्नचिन्ह
– दो लाख लोगों के रोजगार पर संकट