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चेन्नई में किन्नरों की बढ़ रही दबंगई, करते जबरन वसूली!

locationचेन्नईPublished: Jan 01, 2020 05:08:02 pm

Submitted by:

PURUSHOTTAM REDDY

आपराधिक वारदातों में इनकी लिप्तता और जबरन वसूली की वजह से आम जनता में इनको लेकर खौफ बढ़ा है।

चेन्नई @ पुरुषोत्तम रेड्डी .

तमिलनाडु में पुलिस और नर्स के अलावा हर क्षेत्र में किन्नरों को प्रवेश मिलने लगा है। उत्तरप्रदेश में किन्नर विश्वविद्यालय खोलने की योजना है लेकिन आपराधिक वारदातों में इनकी लिप्तता और जबरन वसूली की वजह से आम जनता में इनको लेकर खौफ बढ़ा है।

खासकर सार्वजनिक स्थलों पर सब इनसे बचते हैं। इसकी वजह इनकी दादागीरी और धमकाते हुए वसूली करना है। ट्रेनों व बस अड्डों पर इनकी वसूली का अंदाज आतंक से कम नहीं है। इस अन्य वर्ग में जागरूकता लाने और इनके उत्थान को लेकर किए जा रहे प्रयास इन दृश्यों को देखकर ऊंट के मुंह में जीरा प्रतीत होते हैं।

बांट रखे हंै इलाके
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि महानगर में किन्नरों का आतंक दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है। किन्नरों की गतिविधियों की बात करें तो इनके कई समूह (गिरोह) हैं। इन्होंने शहर को अलग-अलग हिस्सों में बांट रखा है और समूह के सदस्य अपने ही इलाके में कार्य करते हैं। गिरोह के वरिष्ठ सदस्य ‘नेगÓ (बख्शीश) की बजाय बाजार में साप्ताहिक वसूली करते हैं।

पुलिस असहाय
ज्ञात हो कि पिछले तीन चार साल से किन्नर नेग के नाम पर लोगों से जमकर धन उगाही कर रहे हैं। मांग पूरी न होने पर किन्नर मारपीट पर उतारू हो जाते हैं। महानगर पुलिस ने कई ऐसी घटनाएं दर्ज की हैं जब किन्नरों ने शादी विवाह समारोह से लेकर बाजारों में वसूली के लिए उपद्रव किया।

आजीविका के लिए किन्नर कई अवैध कार्य में भी लिप्त रहते हैं जिसमें जिस्मफरोशी उनकी आय का बड़ा साधन है। किन्नरों पर कार्रवाई को लेकर पुलिस भी असहाय हो जाती है। खाकी अधिकतर मामलों में समझौते व समझाइश की कोशिश बस करती है। कड़ी कार्रवाई नहीं होने की वजह से इनकी दबंगई बढ़ती जा रही है।

आम लोगों को ओछी भाषा में बेआबरू करना इनका प्रमुख हथियार है जिससे जनता जिल्लत महसूस करती है।

समाज में इज्जत का स्थान
टी नगर निवासी सरवणन एमएस के अनुसार आज के समय में भी खुशी की बात पर कुछ किन्नर जबरन मुंहमांगा ईनाम मांगते हैं। न देने पर गुंडागर्दी पर भी उतारू हो जाते हैं। हमारी इनके प्रति हमदर्दी है लेकिन प्रतिष्ठा और इज्जत से हम कैसे समझौता करें। मदद व सहानुभूति स्वेच्छा से आती है धमकाने से नहीं।

ट्रेनों में इनका नेटवर्क खूब तगड़ा है। लोकल ट्रेन हो अथवा एसी कोच हर जगह बेधड़क किन्नर पहुंच जाते हैं और यात्री इनसे सहमे-सहमे रहते हैं।

 

पिछले एक महीने के आपराधिक मामले और किन्नर
25 दिसम्बर 2019
– अयनावरम पुलिस ने मेटुकुप्पम से तीन किन्नरों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से गांजा व नकदी बरामद की है। ये तीनों अयनावरम, कोडम्बाक्कम, अण्णा नगर और आइसीएफ में गांजा बेचते थे।

२४ दिसम्बर २०१९
एगमोर पुलिस ने तीन किन्नरों को गिरफ्तार कर उनसे लूट के २० हजार रुपए बरामद किए है। तीन किन्नरों ने ट्रेन में एक महिला यात्री से नेग मांगने के बहाने उसका पर्स उड़ा लिया था जिसमें २० हजार रुपए थे।

६ दिसम्बर २०१९
चेन्नई-तिरुवल्लूर हाई रोड पर १९ वर्षीय किन्नर ने पैसे देने से इंकार करने पर सरेराह राहगीरों को चाकू दिखाकर धमकाया और वसूली की, शिकायत के बाद पुलिस ने गिरफ्तार किया।

चेन्नई स्थित किन्नर समुदाय के प्रत्येक सदस्यों को शिक्षित कर उन्हें आम लोगों के साथ सामान्य व्यवहार करने की सीख दी जाती है। अगर किन्नर कोई भी आपराधिक गतिविधियों में लिप्त होता है तो गलत है। कोई भी किन्नर जान-बूझकर किसी को लूटने या चोट पहुंचाने की नीयत नहीं रखता है। बशर्ते लोगों को भी किन्नरों के प्रति सामान्य व्यवहार करना चाहिए।
जया, महाप्रबंधक
सहोदरन एनजीओ (किन्नरों के कल्याण के लिए कार्य करने वाली संस्था)

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