–घायल हुए यात्रियों की जिम्मेदारी टीएनएसटीसी नहीं ले सकता जिसके जवाब में परिवहन विभाग के वकील ने अपनी सफाई में कहा कि दुर्घटना बस चाकल की लापरवाही से हुई तो घायल हुए यात्रियों की जिम्मेदारी टीएनएसटीसी नहीं ले सकता है। जिसके बाद ट्रिब्यूनल ने बस में उपस्थित यात्रियों की मौखिक बयान और दर्ज हुए एफआईआर को देखने के बाद कहा कि बस चालक की लापरवाही की वजह से दुर्घटना हुई है और घटना में घायल हुए व्यक्ति का एक साल तक निजी अस्पताल में चार सर्जरी समेत अन्य इलाज चला है। याचिकाकर्ता के मेडिकल रिकार्ड के आधार पर ट्रिब्यूनल ने उसकी दाहिनी कोहनी की चोट को ५० प्रतिशत आंशिक स्थायी विकलांगता के रूप में तय करते हुए याचिकाकर्ता को मुआवजे का हकदार बताया। घटनाक्रम के विभिन्न कारकों की गणना करते हुए ट्रिब्यूनल के न्यायाधीश एस. उमामहेश्वरी ने परिवहन निगम को याचिकाकर्ता को ३१.५ लाख का मुआवजा देने का निर्देश दिया।