मनुष्य रुपए व संपत्तियों के भरोसे पर न चलकर भगवान पर विश्वास जताकर उसका भरोसा जीते। ईश्वर के प्रति समर्पण से ही मनुष्य का आत्म-कल्याण होगा। दुष्ट आत्मा भी भगवान के चरणों का सान्निध्य पाकर सुधरती है। जैसे-जैसे इच्छाएं पूरी होती हैं, वैसे-वैसे मनुष्य के आकांक्षाए बढ़ती जाती हैं। सांस्कारिक जीवन में सब स्वार्थ के साथी हैं। अंत समय में पुण्य को छोड़ साथ कोई नहीं जाता। लोग दूसरों में बुराई ढूंढऩे का काम करते हैं, लेकिन खुद में छिपी बुराइयों को देखने या दूर करने का प्रयत्न नहीं करते।
रिजल्ट का सैकड़ा, भविष्य अंधकारमय
पोनमलै स्थित रेलवे मिक्सड हायर सेकंडरी स्कूल (आरएमएचएसएस) ने लगातार १४वें साल दसवीं बोर्ड का परीक्षा परिणाम शत-प्रतिशत हासिल करने में कामयाबी हासिल की है। इस उल्लेखनीय सफलता के बाद भी इस शिक्षण संस्थान का भविष्य अंधकारमय है।
गौरतलब है कि दक्षिण रेलवे ने २०१८-१९ अकादमिक वर्ष के लिए रेलवे स्कूलों में दाखिला नहीं लिया है। इसकी चहुंओर निन्दा हो रही है दक्षिण रेलवे से अनुरोध किया गया है कि वह इन स्कूलों में प्रवेश फिर से शुरू करे। रेलवे विवेक देबरॉय कमेटी ने सुझाव दिया है कि वह ऑफलाइन गतिविधियां मसलन, शिक्षण संस्थानों का संचालन आदि बंद करे। इस वजह से रेलवे स्कूलों का भविष्य अंधकार में है।
आरएमएचएसएस दक्षिण रेलवे द्वारा संचालित स्कूलों में सबसे बढिय़ा परफॉर्म करने वाली स्कूल है। इस साल दसवीं की परीक्षा में १६ छात्राओं सहित ३४ विद्यार्थी बैठे। स्कूल में अव्वल रहे विद्यार्थियों का आग्रह है कि इसे बंद नहीं किया जाना चाहिए।
दसवीं कक्षा की टॉपर अत्ति अक्षया ने कहा उनको गर्व है कि वह इस स्कूल की छात्रा है। स्कूल के टीचर्स के सहयोग से उसके अच्छे अंक आए हैं। रेलवे को इस स्कूल को बंद नहीं करना चाहिए। उनको पूरा यकीन है कि स्कूल का बेहतर परीक्षा परिणाम भविष्य में भी आता रहेगा। फिलहाल इस स्कूल में ३०० विद्यार्थी हैं और विद्यालय में सीबीएसई बैच की भी शुरुआत होने वाली है।
स्कूल के एक कर्मचारी के अनुसार हम पहली से पांचवीं कक्षा तक की कक्षाओं के लिए सीबीएसई मान्यता हासिल करने की कोशिश में है। इससे स्कूल की विद्यार्थियों की संख्या में इजाफा होगा लेकिन कई अभिभावक रेलवे के स्कूलों को बंद करने के निर्णय की वजह से चिंता है।
सूत्रों के अनुसार दक्षिण रेलवे के स्कूलों को बंद करना आसान नहीं होगा। अगर ऑफलाइन गतिविधियां खत्म करने के इरादे से रेलवे स्कूलों को बंद करता भी है तो इनका अधिग्रहण केंद्रीय विद्यालय अथवा नवोदय विद्यालय द्वारा कर लिया जाएगा। पोनमलै के इस रेलवे स्कूल का संचालन केन्द्रीय विद्यालय द्वारा ही किया जा रहा है। इसके बाद भी कई अभिभावक अपने बच्चों के भविष्य को लेकर जोखिम नहीं उठाना चाहते।
एक अभिभावक एस. सलीम ने कहा पड़़ोसियों से स्कूल के भविष्य के बारे में पता चला है। इस वजह से मैंने अपने बच्चों को इस स्कूल से हटाकर अन्यत्र शिफ्ट कर दिया। कुछ अभिभावकों से भी मेरी चर्चा हुई है जिनका भी यही मानना है कि स्कूल संभवत: बंद हो जाएगी।