संयममय जीवन जीने का प्रयास करें
आदमी के जीवन में त्याग हो तो वर्तमान जीवन में भी उन्नति कर सकता है।
संयममय जीवन जीने का प्रयास करें
चेन्नई .जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ माधवरम के महाश्रमण समवसरण में आचार्य महाश्रमण ने ‘ठाणं’ आगम में वर्णित देवगति और नरकगति की कुछ समानताओं की विवेचना करते हुए कहा कि आदमी को त्याग, तपस्या और संयममय जीवन जीने का प्रयास करना चाहिए। आदमी के जीवन में त्याग, संयम और तपस्या हो तो आगे की गति अच्छी हो सकती है। आदमी के जीवन में त्याग हो तो वर्तमान जीवन में भी उन्नति कर सकता है। आचार्य ने ‘ठाणं’ आगमाधारित प्रवचन के पश्चात् ‘मुनिपत के आख्यान’ क्रम को भी आगे बढ़ाया।
आचार्य की मंगल सन्निधि में ऑल इंडिया जैन माइनॉरिटी फेडरेशन के अध्यक्ष ललित गांधी सहित उनके महामंत्री, उपाध्यक्ष आदि भी पहुंचे हुए थे। सभी ने आचार्य के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।आदमी के जीवन में त्याग, संयम और तपस्या हो तो आगे की गति अच्छी हो सकती है। आचार्य ने ‘ठाणं’ आगमाधारित प्रवचन के पश्चात् ‘मुनिपत के आख्यान’ क्रम को भी आगे बढ़ाया फेडरेशन के अध्यक्ष ललित गांधी ने कहा कि मेरा परम सौभाग्य है कि मुझे आचार्य महाश्रमण का पावन सान्निध्य प्राप्त हुआ है। आचार्य अपनी अहिंसा यात्रा के माध्यम से भारत के विशाल भूभाग ही नहीं विदेशी धरती को भी अपने चरणरज से पावन बनाने तथा जैन शासन की वाणी को वैश्विक वाणी बनाने का जो प्रयास कर रहे हैं, वह हम सभी को प्रेरणा प्रदान करती है।
बालिका काव्या बांठिया के गाए गीतों को अमृतवाणी द्वारा तैयार की गई सीडी चेन्नई चतुर्मास प्रवास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष धर्मचंद लुंकड़, जैन विश्व भारती के अध्यक्ष रमेश बोहरा, रमेश खटेड़ आदि ने आचार्य महाश्रमण को समर्पित की। काव्या बांठिया ने इस दौरान गीत का संगान कर आचार्य से आशीर्वाद भी प्राप्त किया। अनेक तपस्याओं के प्रत्याख्यान हुए। इसके अलावा आचार्य महाश्रमण एवं साध्वी प्रमुखा के सान्निध्य व श्री जैन महासंघ के तत्वावधान में आचार्य महाश्रमण चातुर्मास व्यवस्था समिति द्वारा आयोजित महिला वर्ग सामूहिक क्षमायाचना कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
Home / Chennai / संयममय जीवन जीने का प्रयास करें