दुग्ध उत्पादों में मिलावट करने पर भुगतने होंगे गम्भीर परिणाम
चेन्नई. मद्रास हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार और निजी डेयरी उत्पादकों को चेतावनी दी है कि या तो वे लोगों को मिलावट रहित दूध और डेयरी उत्पाद मुहैया कराएं या फिर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें। इस मामले में किसी भी सरकारी व निजी दुग्ध उत्पादक को बक्शा नहीं जाएगा। हैट्सन एग्रो प्रोडक्ट लिमिटेड और विजय डेयरी एंड फार्म प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश एसएम सुब्रमण्यम ने यह फैसला सुनाया। इन दोनों कंपनियों ने अपनी याचिका में गुहार लगाई थी कि राज्य प्राधिकरण को उनके द्वारा विकसित दुग्ध व दुग्ध उत्पादों का सैंपल लेने और उनकी जांच करने से रोका जाए। उनका कहना था कि राज्य के डेयरी मंत्री केटी राजेंद्र बालाजी द्वारा लगाए गए आरोपों ने उनको यह याचिका दायर करने पर विवश किया है। सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता विजय नारायण ने कहा याचिका ही गलत है क्योंकि राज्य प्राधिकरण कानून के तहत ही खाद्य व दुग्ध उत्पादों की जांच करता है।