इससे पहले याची सूर्यप्रकाशम ने हाईकोर्ट को बताया कि तिरुपुर जिले मेें असम मूल की एक महिला के साथ चार लोगों ने बलात्कार का संदर्भ देते हुए प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा पर सवाल उठाया। न्यायिक पीठ ने कहा कि प्रवासी श्रमिकोंं की न तो निर्धारित कार्यावधि है और न ही उनको उचित पारिश्रमिक मिलता है। भारत भूमि जिसे पवित्र माना जाता है में हर पंद्रह मिनट में बलात्कार होते हैं इस वजह से यह बलात्कारियों की भूमि हो चुकी है। यह अफसोसजनक है कि देश में महिला श्रमिक महफूज नहीं हैं।
इस विचार के साथ हाईकोर्ट की पीठ ने तिरुपुर पुलिस महानिरीक्षक को असम महिला के यौन उत्पीडऩ मामले की त्वरित जांच कराने और आरोपियों की गिरफ्तारी के आदेश जारी किए।