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जिम्मेदारीपूर्ण तरीके से उपयोग हो इस अधिकार का : जयकुमार

locationचेन्नईPublished: Dec 24, 2018 02:12:32 pm

Submitted by:

Ritesh Ranjan

– कम्प्यूटरों की निगरानी

चेन्नई. केंद्र सरकार के कुछ प्रमुख एजेंसियों को देश में कम्प्यूटरों की निगरानी का अधिकार दिए जाने के बाद इसे गोपनीयता और मानवाधिकार का हनन बताया जा रहा है। विपक्षी दल भाजपा सरकार की इस नीति का खुला विरोध कर रहे हैं। वहीं राज्य की एआईएडीएमके सरकार ने तटस्थ बने रहने का विकल्प चुना है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और मछली पालन मंत्री डी. जयकुमार ने रविवार को कहा कि बड़ी ही जिम्मेदारी और गंभीरता से इस अधिकार का उपयोग होना चाहिए।
केंद्र सरकार ने कम्प्यूटरों के निरीक्षण और उन पर नजर रखने का अधिकार देश की प्रमुख १० जांच एजेंसियों को दे दिया है। इस पर राज्य के मछली पालन मंत्री ने कहा कि एजेंसियों को दिया गया यह अधिकार डॉक्टरों के हाथ के चाकू की तरह है। जिस तरह डॉक्टर चाकू का उपयोग करते हैं उसी तरह इस अधिकार का इस्तेमाल किया जाए।
उन्होंने कहा रॉ और सीबीआइ को कम्प्यूटरों की निगरानी का अधिकार देने के पीछे केंद्र सरकार की अच्छी मंशा ही रही होगी। सूचना प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से आतंकी गतिविधियां बढ़ रही हैं। आतंकी हरकतों को किसी भी सूरत में बढ़ावा नहीं दिया जा सकता। केंद्र सरकार की कोई भी निगरानी डॉक्टरों के हाथ के छुरे की तरह हो जो ऑपरेशन के लिए काम आती है। इस चाकू का उपयोग हत्यारों की तरह नहीं होना चाहिए।
सुपरस्टार रजनीकांत के राजनीतिक प्रवेश को लेकर उनका कहना था कि वे एआईएडीएमके के वोट नहीं काटेंगे। रजनीकांत डीएमके और अन्य दलों के मत अवश्य तोड़ेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तमिलनाडु में प्रचार को लेकर उनकी प्रतिक्रिया थी कि इसका जवाब भाजपा को देना होगा कि जब वे गाजा प्रभावित लोगों को देखने नहीं आए तो प्रचार के लिए क्यों आ रहे हैं?

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