सूत्रों के अनुसार एक साल के भीतर लगाए जाने वाले इन टीकों का समय तय है। लॉक डाउन तथा कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से टीकाकरण कार्यक्रम भी प्रभावित हुआ था। जिसे अब सुचारू कर दिया गया है।
नौ महीने की बच्ची के पिता अलगप्पन बताते हैं कि उनकी बेटी का एक टीका अभी बाकी है। चिकित्सकों से पूछने पर यह जवाब मिला कि इसे एक महीने तक टाला जा सकता है। ऐसे ही जवाब अधिकतर दम्पतियों को पिछले एक महीने में मिले थे।
10 जनों को अनुमति
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अब टीकाकरण कार्यक्रम को फिर से शुरू किया जा रहा है। सरकारी अस्पतालों में नामजद जच्चा-बच्चा को संपर्क कर उनको आवंटित समय के आधार पर आने को कहा गया है। एक दिन में एक प्राथमिक स्वास्थ्य अथवा आंगनबाड़ी में दस से अधिक बच्चों को टीका नहीं लगाए जाने की शर्त रखी गई है। पूर्व एपॉइंटमेंट के आधार पर टीके लगाए जा रहे हैं। अस्पतालों व दवाखानों में बच्चे के साथ केवल एक जने के आने की अनुमति है ताकि सोशल डिस्टेंसिंग की पालना हो लेकिन इसकी पालना नहीं की जा रही है।
होगी भरपाई
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी के अनुसार शिशु टीकाकरण कार्यक्रम के तहत टीटीएम, पेंटावेलन, पोलियो, बीसीजी, मिसेल्स और अन्य टीके शामिल हैं। सालाना करीब दस लाख बच्चों को टीके लगाए जाते हैं। ये सभी प्रिवेंटिव वैक्सीन हैं। बीसीजी का टीका जन्मोपरांत ही लगा दिया जाता है। पिछले एक महीने में कोरोना संक्रमण की वजह से कुछ जगहों पर टीका लगाने के कार्यक्रम को स्थगित किया गया था जिसे अब चालू कर दिया गया है।