वाइको ने गुरुवार को मद्रास हाईकोर्ट के परिसर में अलगिरि के आरोपों को हंसते हुए टाल दिया कि वे आधी बुद्धि वालों को जवाब नहीं देना चाहते हैं। वाइको बोले कि डीएमके विधायकों के समर्थन से ही वे राज्यसभा पहुंचे हैं। डीएमके के पास १०८ विधायक हैं। तीन सांसदों के लिए १०२ विधायकों का समर्थन काफी था। उनके नामांकन पत्र में भी डीएमके के दस विधायकों के दस्तखत हैं। इसमें एक भी हस्ताक्षर कांग्रेस विधायक का नहीं था। करुणानिधि ने उनको तीन बार राज्यसभा सांसद बनाकर सम्मान दिया था। लिहाजा वे एक बार भी कांग्रेस की वजह से सांसद नहीं बने और अब बनेंगे भी नहीं।
राज्यसभा सांसद ने कांग्रेस नेता से कहा कि अगर आपको मुझ पर निजी तौर पर गुस्सा या ईष्र्या है तो कुछ और आरोप लगाइये। लेकिन ऐसी बयानबाजी को टाला जाना चाहिए। इस तरह के आधी बुद्धिवालों को वे जवाब नहीं देना चाहते। कांग्रेस ने बहुत बड़ी गद्दारी की है। कांग्रेस ही ईलम में नरसंहार की जिम्मेदार है।
वाइको ने गृह मंत्री अमित शाह की तारीफ को लेकर अलगिरि के बयान पर कहा कि कुछ कांग्रेसियों ने तो संकल्प पत्र और विधेयक पर वोटिंग तक नहीं की। क्या इसका यह आशय निकाला जाए कि उन्होंने रुपए लिए हैं?