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वंदे भारत ट्रेन: ट्रेनों को आपस में टकराने से बचाएगी नई तकनीक, कई अन्य खूबियों से है लैस ट्रेन

locationचेन्नईPublished: Aug 12, 2022 08:57:46 pm

Submitted by:

PURUSHOTTAM REDDY

वंदे भारत देश की पहली ऐसी ट्रेन है जिसमें कवच टेक्नोलॉजी का उपयोग किया गया है और इसकी सटीकता को जांचने के लिए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव खुद चेन्नई पहुंचे थे।

Vande Bharat trains get innovative features, trial run successfully

Vande Bharat trains get innovative features, trial run successfully

चेन्नई.

सुरक्षा की नई तकनीक से लैस पहली वंदे भारत ट्रेन ने शुक्रवार को अपना ‘कवच टेस्ट’ पास कर लिया है। वंदे भारत देश की पहली ऐसी ट्रेन है जिसमें कवच टेक्नोलॉजी का उपयोग किया गया है और इसकी सटीकता को जांचने के लिए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव खुद चेन्नई पहुंचे थे।

अभी इस तकनीक का ट्रायल चल रहा है और भविष्य में यह कई और ट्रेनों में भी उपयोग में लाई जाएगी। कवच तकनीक एक ऐसी तकनीक है जो ट्रेनों को आपस में टकराने से बचाएगी। यदि किसी एक पटरी पर दो ट्रेनें आमने सामने आ जाती हैं तो इस कवच टेक्नोलॉजी की मदद से ट्रेन 380 मीटर पहले ही रुक जाएगी। कवच तकनीक वाली वंदे भारत एक्सप्रेस को इंटीग्रल कोच फैक्ट्री चेन्नई में तैयार किया गया है।

वंदे भारत ट्रेनें विश्वस्तरीय

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को कहा कि चेन्नई में इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ढ्ढष्टस्न ) में तैयार की जा रही वंदे भारत ट्रेनें विश्वस्तरीय हैं। इनमें कई नवीन विशेषताएं जोड़ी गईं हैं। आईसीएफ में शुरू की गई नई प्रोटोटाइप वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का निरीक्षण करने और आईसीएफ के फर्निशिंग डिवीजनों में कमीशनिंग गतिविधियों को देखने के बाद उन्होंने कहा कि पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रालय को भारत की स्वतंत्रता 75 वीं वर्षगांठ पर 75 ट्रेनों के निर्माण का लक्ष्य रखा था। इसके अनुसार अगले साल 15 अगस्त से पहले पूरे देश में 75 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों का निर्माण और तैनाती की जाएगी।


कई नई विशेषताओं को किया गया शामिल

मंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि इसके जरिए वे पूरे देश को कवर करेंगे। मुझे बहुत खुशी है कि वंदे भारत ट्रेन का निर्माण आईसीएफ द्वारा कम समय में और अच्छी गुणवत्ता में किया गया है। उन्होंने कहा कि यह एक विश्वस्तरीय ट्रेन है। इस ट्रेन में वास्तव में कुछ नवीन चीजें शामिल की गई हैं जैसे कि स्वचालित रूप से दरवाजे खोलना, लोको पायलटों के संचालन के लिए ड्राइवर के केबिन में आरामदायक जगह। वैष्णव ने कहा कि यूजर्स के दृष्टिकोण से इस ट्रेन में यात्रियों के लिए अलग-अलग शौचालयों के अलावा दिव्यांगों के अनुकूल बैठने की कुर्सियां होंगी।

180 किमी प्रति घंटे होगी स्पीड

उन्होंने कहा कि मुझे बहुत गर्व है कि इस ट्रेन का निर्माण तमिलनाडु की खूबसूरत फैक्ट्री से किया गया है। मुझे तमिल संस्कृति और भाषा पर गर्व है। ट्रेन की परीक्षण प्रक्रिया पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वंदे भारत ट्रेन का परीक्षण 180 किमी प्रति घंटे की गति से किया जाएगा और यह 50,000 किमी की दूरी तय करेगी। ट्रेन के परीक्षण में गतिशील, स्थिर, भार परीक्षण और दोलन परीक्षण शामिल हैं, जो विभिन्न प्रकार की स्थितियों में किए जाएंगे। ट्रायल के बाद आईसीएफ ऐसी और ट्रेनों का निर्माण करेगी। उन्होंने नए वंदे भारत कोच के अंदरूनी हिस्सों का निरीक्षण करने के बाद कहा कि सभी राज्यों को कवर करने के लिए चार साल में 475 ऐसी ट्रेनें बनाई जाएंगी।

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