थोक बाजार से खुदरा बाजार आते-आते चौगुना हो जाता है सब्जियों का भाव
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि जिस मूली, चकुंदर व सहजन को आप पड़ोस की दुकान से ३०-४० रुपए प्रति किलो के भाव में खरीदते हैं उसकी थोक बाजार में कीमत मात्

चेन्नई. आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि जिस मूली, चकुंदर व सहजन को आप पड़ोस की दुकान से ३०-४० रुपए प्रति किलो के भाव में खरीदते हैं उसकी थोक बाजार में कीमत मात्र से ५ से १० रुपए प्रति किलो होती है। आवाजाही के खर्च व बिचौलियों की वजह से अंतिम उपभोक्ता तक पहुंचते-पहुंचते सब्जियों के दाम बढ़ जाते हैं। यह कहना है उन लोगों का जो इस व्यवसाय से जुड़े हैं।
महानगर के सब्जी उद्यमी एम. कार्ति का कहना है कि प्रमुख इलाकों में दुकानों का किराया दुगुने से भी ज्यादा होता है। मकान मालिक कभी भी दुकान का किराया बढ़ा देता है। इसके परिणामस्वरूप दुकानदार उतना ही भार सब्जियों पर चढ़ा देते हैं। यही वजह है कि सब्जियों की कीमत दुगुनी और चौगुनी होती जाती है। कार्तिकेयन का कहना है कि सरकार को किराए की दरें भी जीएसटी के अंदर लानी चाहिए।
कोयम्बेडु सब्जी, फल और फूल व्यापारी कल्याण संघ के कोषाध्यक्ष पीजीएम सुकुमार ने कहा कि सही व्यापार करने वाले व्यापारी ही कोयम्बेडु मण्डी की कीमत के अनुसार बाजार में सब्जियां बेचते हैं। तिरुवान्म्यूर के एक स्टोर मालिक डी. मुनियन कुमार ने कहा कि वे खर्च को जोड़कर वाजिब दाम वसूलते हैं।
तमिलनाडु ऑल फार्मर्स एसोसिएशन की संयोजक समिति के अध्यक्ष पीआर पांडियन का कहना है कि किसान जो मेहनत कर फसल पकाते हैं उपयुक्त दाम नहीं मिलता है। केंद्र सरकार को सब्जी व फल किसानों को उचित मूल्य दिलाने के लिए सरकारी सहायता केंद्र स्थापित करने चाहिए। साथ ही बाजार को बिचौलिया मुक्त करने की कोशिश करनी चाहिए। ताकि उपभोक्ताओं तक वस्तु पहुंचते-पहुंचते उसकी कीमत दुगनी व चौगुनी न हो जाए। गौरतलब है कि जब देश के अन्य भागों में टमाटर, प्याज व अन्य चीजे कीमत न मिलने पर किसान को मजबूरन सड़क पर फेकना पड़ता है उसी वक्त तमिलनाडु के विभिन्न इलाकों में कीमतें आसमान छूती हैं।
अब पाइए अपने शहर ( Chennai News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज