कचरे की वजह से कई तरह के कीट-मच्छर हो गए हैं
प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने बताया कि कचरे की वजह से कई तरह के कीट-मच्छर हो गए हैं। कुत्ते दिन भर यार्ड में मुंह मारने के बाद आबादी की ओर आ जाते हैं। इनकी वजह से संक्रामक रोग फैलने की पूरी आशंका है। कीट-मच्छरों के कारण उन्हें त्वचा सम्बन्धी रोग हो गए हैं।पिछले दिनों नगर निगम के ट्रकों में ही चोरी छिपे अस्पतालों से सीरिंज, खून लगी पट्टियां, रुई, दवाइयों की शीशीयां व अन्य संक्रामक कचरा लाया जा रहा है। जबकि इस पर सख्त रोक हैं। अस्पतालों के कचरे के निपटान के लिएअलग व्यवस्था है। वाहन अलग हैं। डम्पिंग यार्डभी चेट्टीपालयम में है। इसके निस्तारण में सतर्कता बरती जाती है।
प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने बताया कि कचरे की वजह से कई तरह के कीट-मच्छर हो गए हैं। कुत्ते दिन भर यार्ड में मुंह मारने के बाद आबादी की ओर आ जाते हैं। इनकी वजह से संक्रामक रोग फैलने की पूरी आशंका है। कीट-मच्छरों के कारण उन्हें त्वचा सम्बन्धी रोग हो गए हैं।पिछले दिनों नगर निगम के ट्रकों में ही चोरी छिपे अस्पतालों से सीरिंज, खून लगी पट्टियां, रुई, दवाइयों की शीशीयां व अन्य संक्रामक कचरा लाया जा रहा है। जबकि इस पर सख्त रोक हैं। अस्पतालों के कचरे के निपटान के लिएअलग व्यवस्था है। वाहन अलग हैं। डम्पिंग यार्डभी चेट्टीपालयम में है। इसके निस्तारण में सतर्कता बरती जाती है।
कचरा निस्तारण की पूरी व्यवस्था नहीं होने से यह सड़ता रहता है
इसके बावजूद कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से अस्पताल अपना कचरा निगम के वाहनों में लदवा कर वेल्लालूर पहुंचा रहे हैं। माना जा रहा है कि रामनाथ पुरम् इलाके के कुछ अस्पताल यह गड़बड़ी कर रहे हैं। एक ग्रामीण ने बताया कि कचरा निस्तारण की पूरी व्यवस्था नहीं होने से यह सड़ता रहता है। पूरे माहौल में दुर्गन्ध व्याप्त रहती है।जो हवा के साथ दूर-दूर तक फैल जाती है। पिछले दिनों हुई बरसात के कारण तो सडांध से लोग परेशान हो उठे। यहां तक किइस कचरे के कारण पास के जलस्त्रोतों का पानी तक पीने लायक नहीं रहा है। ग्रामीण आंदोलन करके थक चुके हैं। उनकी किसी भी स्तर पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है।कूडे के ढेर से लोहा या फिर अन्य क बाड़ में बेचे जाने लायक चीजें बटोरने के लिए यहां कई लोग जमे रहते हैं। इनमें से अधिकांश शराब के नशे में रहते हैं। पास में खाली पड़े मकानों को इन्होंने अपना ठिकाना बना लिया है। शाम ढलते ही अपराधी किस्म के लोग भी खण्डहर हो रहे मकानों में शराब की महफिल सजाने लगे हैं। रोका टोकी पर ये लडऩे पर आमादा हो जाते हैं। यहां कुत्तों की संख्या भी बढ़ गईहै। इनके कई गिरोह हैं जो आपस में भिड़ते रहते हैं। इसी तरह पक्षी भी यहां से गंदगी उठा कर ले जाते हैं ।कई बार आबादी क्षेत्र में मांस के टुकड़े गिर जाते हैं।
इसके बावजूद कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से अस्पताल अपना कचरा निगम के वाहनों में लदवा कर वेल्लालूर पहुंचा रहे हैं। माना जा रहा है कि रामनाथ पुरम् इलाके के कुछ अस्पताल यह गड़बड़ी कर रहे हैं। एक ग्रामीण ने बताया कि कचरा निस्तारण की पूरी व्यवस्था नहीं होने से यह सड़ता रहता है। पूरे माहौल में दुर्गन्ध व्याप्त रहती है।जो हवा के साथ दूर-दूर तक फैल जाती है। पिछले दिनों हुई बरसात के कारण तो सडांध से लोग परेशान हो उठे। यहां तक किइस कचरे के कारण पास के जलस्त्रोतों का पानी तक पीने लायक नहीं रहा है। ग्रामीण आंदोलन करके थक चुके हैं। उनकी किसी भी स्तर पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है।कूडे के ढेर से लोहा या फिर अन्य क बाड़ में बेचे जाने लायक चीजें बटोरने के लिए यहां कई लोग जमे रहते हैं। इनमें से अधिकांश शराब के नशे में रहते हैं। पास में खाली पड़े मकानों को इन्होंने अपना ठिकाना बना लिया है। शाम ढलते ही अपराधी किस्म के लोग भी खण्डहर हो रहे मकानों में शराब की महफिल सजाने लगे हैं। रोका टोकी पर ये लडऩे पर आमादा हो जाते हैं। यहां कुत्तों की संख्या भी बढ़ गईहै। इनके कई गिरोह हैं जो आपस में भिड़ते रहते हैं। इसी तरह पक्षी भी यहां से गंदगी उठा कर ले जाते हैं ।कई बार आबादी क्षेत्र में मांस के टुकड़े गिर जाते हैं।