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वेल्लालूर डम्प यार्ड की दुर्गन्ध से जीना हुआ मुहाल

locationचेन्नईPublished: Apr 10, 2018 12:51:40 pm

Submitted by:

Arvind Mohan Sharma

सड़क जाम कर जताया विरोध

Vellalur dump yard's deodorant mohal
कोयम्बत्तूर. कचरे की दुर्गन्ध से परेशान वेल्लालूर के लोगों ने सड़क पर जाम लगा कर विरोध जताया। गांव की मुदालियर स्ट्रीट व तिरुवेल्लूवर स्ट्रीट के सैकड़ों महिला पुरुष रात करीब 10 बजे सड़क पर आ गए। उन्होंने वाहनों का आवागमन रोक दिया। दोनों ओर वाहनों की कतार जब लम्बी होने लगी तो पुलिस मौके पर आई।। कई लोग अपने अपने अच्छे -खासे मकानों को छोड़ कर जा चुके हैं। अपने घर होते हुए उन्हें यार्ड से दूर किराए के मकानों में रहना पड़ रहा है। वेल्लालूर में पूरे दिन कोयम्बत्तूर शहर से रोजाना करीब 650 टन कचरा लाया जाता है।उसका निपटान किया जाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रतिबंध के बावजूद यार्डमें अस्पतालों का संक्रामक कचरा तक डाला जा रहा है। पुलिस कर्मियों ने लोगों को समजा-बुझा कर जाम हटवाया।अधिकारियों ने आश्वस्त किया कि समस्या का कोईहल निकाला जाएगा।
कचरे की वजह से कई तरह के कीट-मच्छर हो गए हैं
प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने बताया कि कचरे की वजह से कई तरह के कीट-मच्छर हो गए हैं। कुत्ते दिन भर यार्ड में मुंह मारने के बाद आबादी की ओर आ जाते हैं। इनकी वजह से संक्रामक रोग फैलने की पूरी आशंका है। कीट-मच्छरों के कारण उन्हें त्वचा सम्बन्धी रोग हो गए हैं।पिछले दिनों नगर निगम के ट्रकों में ही चोरी छिपे अस्पतालों से सीरिंज, खून लगी पट्टियां, रुई, दवाइयों की शीशीयां व अन्य संक्रामक कचरा लाया जा रहा है। जबकि इस पर सख्त रोक हैं। अस्पतालों के कचरे के निपटान के लिएअलग व्यवस्था है। वाहन अलग हैं। डम्पिंग यार्डभी चेट्टीपालयम में है। इसके निस्तारण में सतर्कता बरती जाती है।
कचरा निस्तारण की पूरी व्यवस्था नहीं होने से यह सड़ता रहता है
इसके बावजूद कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से अस्पताल अपना कचरा निगम के वाहनों में लदवा कर वेल्लालूर पहुंचा रहे हैं। माना जा रहा है कि रामनाथ पुरम् इलाके के कुछ अस्पताल यह गड़बड़ी कर रहे हैं। एक ग्रामीण ने बताया कि कचरा निस्तारण की पूरी व्यवस्था नहीं होने से यह सड़ता रहता है। पूरे माहौल में दुर्गन्ध व्याप्त रहती है।जो हवा के साथ दूर-दूर तक फैल जाती है। पिछले दिनों हुई बरसात के कारण तो सडांध से लोग परेशान हो उठे। यहां तक किइस कचरे के कारण पास के जलस्त्रोतों का पानी तक पीने लायक नहीं रहा है। ग्रामीण आंदोलन करके थक चुके हैं। उनकी किसी भी स्तर पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है।कूडे के ढेर से लोहा या फिर अन्य क बाड़ में बेचे जाने लायक चीजें बटोरने के लिए यहां कई लोग जमे रहते हैं। इनमें से अधिकांश शराब के नशे में रहते हैं। पास में खाली पड़े मकानों को इन्होंने अपना ठिकाना बना लिया है। शाम ढलते ही अपराधी किस्म के लोग भी खण्डहर हो रहे मकानों में शराब की महफिल सजाने लगे हैं। रोका टोकी पर ये लडऩे पर आमादा हो जाते हैं। यहां कुत्तों की संख्या भी बढ़ गईहै। इनके कई गिरोह हैं जो आपस में भिड़ते रहते हैं। इसी तरह पक्षी भी यहां से गंदगी उठा कर ले जाते हैं ।कई बार आबादी क्षेत्र में मांस के टुकड़े गिर जाते हैं।
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