अपने जबाव में इंस्पेक्टर ने महिलाओं के आरोप से इंकार कर कहा कि अनुसुया का बेटा आदतन अपराधी है और जिला कलक्टर के आदेशानुसार पुलिस उसे गिरफ्तार करने के लिए तलाश रही थी। इसके अलावा शिकायतकर्ता के खिलाफ अवैध तरीके से भूमि हथियाने की भी शिकायत थी। लेकिन पुलिस की कार्रवाई ने अवैध तरीके से अतिक्रमण को रोका तो महिलाओं ने शिकायत कर दी। मौखिक और पेश किए गए दस्तावेजों के अध्यन के बाद आयोग के सदस्य डी. जयचंद्रन ने पूरे मामले में पुलिस की ओर से मानवाअधिकार का उल्लंघन पाया और जुर्माना देने का निर्देश दिया।