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ग्रामीणों के लिए खोला पशु चिकित्सालय

locationचेन्नईPublished: Jun 20, 2019 11:44:41 pm

देश में पशु चिकित्सक और पशु चिकित्सालय पालतू और बेसहारा पशुओं की उचित देखभाल और उनके रखरखाव के लिए विभिन्न चुनौतियों का सामना…

Veterinary Hospital opened for the villagers

Veterinary Hospital opened for the villagers

चेन्नई।देश में पशु चिकित्सक और पशु चिकित्सालय पालतू और बेसहारा पशुओं की उचित देखभाल और उनके रखरखाव के लिए विभिन्न चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड (एडब्ल्यूबीआई) पशु शरण स्थल आधारित पशु चिकित्सा केंद्र स्थापित करने के लिए पशु सेवी संस्थाओं को सहायता करने एवं प्रोत्साहित कर रहा है। चालू वर्ष के बोर्ड द्वारा मान्यता प्रदत्त एक पशु कल्याण संगठन ने पशु चिकित्सालय खुलवाया है जिसमें आवारा, घायल, अपाहिज, बूढ़े और असमर्थ पशुओं की चिकित्सा कराई जाएगी। इस अस्पताल का उद्घाटन केन्द्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय, के संयुक्त सचिव एवं भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. ओ.पी. चौधरी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में पशु अस्पतालों की स्थापना से पशुओं को लाभ मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की गतिविधियां देख अन्य पशु कल्याण कार्यकर्ताओं और पशु कल्याण संगठन भी आगे आएंगे।

डॉ. चौधरी ने बताया कि जीवकारुण्या पशु कल्याण धर्मार्थ ट्रस्ट द्वारा कन्याकुमारी जनपद के नागरकोइल जिले में शुरू किया गया संचालित पशु अस्पताल और बचाव केंद्र बेसहारा एवं निराश्रित पशु पक्षियों की सेवा में जुटा है। इस अस्पताल से स्थानीय पशुओं की बेहतर सेवा हो सकेगी।

साथ ही अस्पताल के बेहतरीन सेवा से पशु कल्याण गतिविधियों में इजाफा होगा जो पशुओं पर होने वाले अत्याचार को रोकने में भी सहायक होगा। डॉक्टर चौधरी ने कहा अस्पताल की स्थापना की सफलता में वहां के दयावान और अत्यंत सहयोगी प्रवृत्ति के लोगों की भावना का प्रभाव पूरे देश में जागरूकता लाएगा जिससे जानवरों पर क्रूरता को रोकने में मदद करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि बोर्ड सभी पशु कल्याण संगठनों और गोशालाओं को पशु शरण स्थल आधारित पशु चिकित्सालय स्थापित कर निराश्रित पशु जैसे मवेशी, कुत्ते, बिल्ली और अन्य जानवरों की देखभाल और प्रबंधन के लिए वित्तीय सहायता देता है। बोर्ड का हमेशा प्रयास रहा है कि पशु जन्म नियंत्रण (एबीसी) कार्यक्रम संचालित कर कैनाइन प्रजाति के पशुओं की आबादी नियंत्रित करना अत्यावश्यक है जिसके लिए बोर्ड निरंतर कटिबद्ध है। इस दिशा में छुट्टा पशुओं (कुत्तों) के जनसंख्या नियंत्रण तथा रेबीजरोधी कार्यक्रम के सफल संचालन, पशुओं के रेस्क्यू कार्य करने के लिए बोर्ड संस्थाओं को एम्बुलेंस सुविधा भी देता है।

इस परिप्रेक्ष में बोर्ड सचिव डॉ. नीलम बाला ने कहा तमिलनाडु के नागरकोइल जिले के ग्रामीणों की प्रशंसा की जानी चाहिए क्योंकि बिना उनके सहयोग और समर्थन के इतना बड़ा कार्य संभव नहीं हो सकता था। उन्होंने कहा ‘जीवकारुन्या’ एनिमल वेलफेयर चेरिटेबल ट्रस्ट : एनिमल एंड रेस्क्यू सेंटरज्ज् वास्तव में जैसा नाम है वैसे ही इसने कार्य सुनिश्चित किया है। बेशक इसका असर पड़ेगा और संस्था सभी जीवों के प्रति दया या करुणा वहां के लोगों में प्रसारित करने में सफल होगी।

सचिव ने संस्था के संस्थापक के उद्देश्यों की सराहना करते हुए कहा कि इस अस्पताल की संस्थापक डॉ. वसंता लक्ष्मी रविकुमार के सभी जानवरों के प्रति दयावान होने का ही नतीजा है कि आज यह पशु अस्पताल बन पाया है। बोर्ड के अध्यक्ष ने जिला प्रशासन को निर्देश दिया है कि नियमानुसार एसपीसीए, कन्याकुमारी के कार्यान्वयन पर उचित ध्यान दें। कन्याकुमारी के जिलाधिकारी प्रशांत एम. वडनेरे ने भी एसपीसीए अर्थात सोसायटी फॉर प्रिवेंशन ऑफ क्रूलेटरी टू एनिमल्स के उचित कामकाज के लिए आश्वासन दिया।

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