विद्या एक एजुकेशनल इंस्टीट्यूट चलाती हैं। साथ ही वह चाहती हैं कि वह समाज के लिए कुछ और बेहतर कर सकें। पिता वीरप्पन को लेकर उनका कहना है कि वह सिर्फ 14 साल की थीं, जब पिता का एनकाउंटर हुआ। उन्हें लंबे समय तक यह भी नहीं बताया गया कि असल में उनके पिता हैं कौन, वह अपने नाना को ही अपना पिता समझती थीं। विद्या के मुताबिक, 7-8 साल की उम्र में वह अपने पिता से सिर्फ एक बार मिली थीं। विद्या का कहना है कि उनके पिता वीरप्पन का रास्ता भले ही गलत रहा हो लेकिन उनका उद्देश्य कभी गलत नहीं रहा। विद्या ने कहा, मेरे पिता के रास्ते जरूर गलत थे लेकिन उन्होंने हमेशा गरीबों के बारे में ही सोचा। मैं अब सही रास्ते पर चलकर सही काम करने की कोशिश कर रही हूं। वीरप्पन को लेकर विद्या ने कहा कि भले ही उनके पिता की सोच कुछ भी रही हो लेकिन उनके किए को किसी भी तरह से सही नहीं ठहराया जा सकता।
इससे पहले विद्या चर्चा में तब आई थीं, जब 2011 में 21 साल की उम्र में एक ईसाई लड़के से उनकी शादी हुई थी। लड़के का आरोप था कि विद्या की मां दोनों की शादी का विरोध सिर्फ कर रही हैं, क्योंकि वह दूसरे धर्म से है। उसने यह भी आरोप लगाया था कि वीरप्पन की पत्नी मुत्तुलक्ष्मी ने उसकी पत्नी विद्यारानी को कैद कर रखा है। यह मामला मद्रास हाई कोर्ट तक पहुंच गया था।
आपको बता दें कि बचपन से ही आईएएस ऑफिसर बनने का सपना देखने वाली विद्या की छोटी बहन वकील हैं। विद्या का कहना है कि वह अपने गांव और आसपास के इलाके में साफ पानी और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं के सुधार के लिए काम करना चाहती हैं। वहीं वीरप्पन की मौत के बाद उनकी पत्नी मुत्तुलक्ष्मी सेलम में सामाजिक कल्याण से कामों से जुड़ी हुई हैं। उन्होंने 2006 में तमिलनाडु का विधानसभा चुनाव भी लड़ा था, लेकिन हार गई थीं। 2018 में उन्होंने गांव के लोगों का एक संगठन बनाने की भी घोषणा की थी।