मुख्य शिक्षा अधिकारी ने अपने उद्बोधन में कहा जहां गुरुओं का सम्मान होता है, वहां सफलता के द्वीप प्रज्वलित रहते हैं। गांव की छात्राएं 12वीं पास कर उच्च उच्च शिक्षा की ओर कदम बढ़ाएं ताकि महिलाओं का सशक्तिकरण हो। महिलाएं सरकारी और गैर सरकारी अधिकारी बन कर देश में अमन चैन कायम करने में योगदान दें।
वक्ता डॉ परवीन ने कहा जो विफलता से सबक लेते हैं वो हमेशा सफलता प्राप्त करते है। उन्होंने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि किसी के साथ अपनी तुलना नहीं करें, कक्षा में एकाग्रता बनाए रखें और निरंतर प्रयास से सफलता का कीर्तिमान कायम करें। परीक्षा से घबराना नहीं चाहिए। अपने विवेक से सभी प्रश्नों का उत्तर देना चाहिए। परीक्षा में सफलता का एक ही मूल मन्त्र है मन लगा कर पढना, विषय को केन्द्रित करके अध्यन करना, परीक्षाओं से एक माह पूर्व टीवी मोबाइल इत्यादि से दूर रहना और गुरुओं का सम्मान करना।
कार्यक्रम में चार विषय विशेषज्ञ शिक्षकों को भी आमंत्रित किया गया जिन्होंने छात्राओं के प्रश्नों का जबाब दिया। कार्यक्रम का संचालन तमिल विभाग की व्यख्याता डा. के. हेमावती ने किया। कांचीपुरम हायर सेकंडरी स्कूल की करीब 1900 छात्राओं और 100 शिक्षिकाओं ने भाग लेकर कार्यक्रम को सफल बनाया। धन्यवाद निदेशक बृजगोपाल आचार्य ने ज्ञापित किया।