ग्रामीणों ने किया मतदान का बहिष्कार, एक भी वोट नहीं पड़ा
चेन्नईPublished: Apr 19, 2019 12:46:13 pm
एकलनाथम गांव ६८ साल के चुनावी इतिहास में मतदान का बहिष्कार कर सरकारी मशीनरी पर तमाचा जड़ गया।
– ७०० वोट नहीं पड़े
कृष्णगिरि जिले के एकलंथम गांव के निवासियों से समझाइश करते चुनाव अधिकारी।
कृष्णगिरि. जिले का एकलनाथम गांव ६८ साल के चुनावी इतिहास में मतदान का बहिष्कार कर सरकारी मशीनरी पर तमाचा जड़ गया। कृष्णगिरि लोकसभा सीट १९५१ से है।
गांव के मुखिया ने एन. चिन्नासामी ने कहा कि हमारे गांव ने सडक़ के मुद्दे पर चुनाव का बहिष्कार किया है। हमारी सडक़ की मांग कई दशकों से लम्बित है। नतीजतन हमें मतदान बहिष्कार करने का निर्णय करना पड़ा।
जिले के वेपनहल्ली विधानसभा क्षेत्र की पहाड़ी पर एकलनाथम गांव बसा है। गांव की आबादी १५०० से ज्यादा है इनमें ७०० से अधिक मतदाता हैं। गांव के लोगों ने अपनी मांग को उजागर करने के लिए मतदान नहीं किया।
प्रशासन को जब इसकी खबर लगी तो वे मान-मनौव्वल के लिए पहुंचे। उस वक्त ग्रामीणों ने उनकी बात मान ली कि वे मतदान का बहिष्कार नहीं करेंगे। गांव में मतदान प्रक्रिया पूरी कराने के जब इंतजाम कर दिए गए तो ग्रामीणों ने बहिष्कार नहीं करने के पुराने निर्णय को पलट दिया।
कृष्णगिरि जिला कलक्टर एस. प्रभाकर ने कहा कि ग्रामीणों ने पिछली बैठक में वादा किया था कि वे चुनाव प्रक्रिया में हिस्सा लेंगे। अब वे अपने पुराने वादे से पलट गए हैं। हमारे अधिकारियों ने ग्रामीणों से लिखित में वादा किया था कि उनको चुनाव समाप्ति के बाद सडक़ बनाकर दी जाएगी।
बकौल, जिला कलक्टर ने सडक़ निर्माण कार्य के लिए जिला कोष से ९३ लाख रुपए आवंटित भी कर दिए थे लेकिन ग्रामीणों ने अपना इरादा नहीं बदला। इसी तरह कोलाट्टी गांव के ४४६ मतदाताओं ने भी वोट नहीं डाला। फिर अधिकारियों की समझाइश के बाद सात के बजाय दस बजे मतदान शुरू हुआ।