कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने २४२ सहायक सर्जन, ३३७ नर्स, ३०८ फार्माशिस्ट, ९० रेडियोग्राफर, २१ ब्लॉक हेल्थ स्टेटिशियन और १० कनिष्ठ सहायकों को नियुक्ति-पत्र प्रदान किए। टीएमएसआरबी एक पहला प्रयास है जिसकी शुरुआत दिवंगत मुख्यमंत्री जे. जयललिता ने वर्ष २०१२ में की थी। अब तक बोर्ड ने १०,८५८ डाक्टर, ९,५३३ नर्स, १,३२३ ग्रामीण नर्स और २,१६६ मेडिकल प्रोफेशनल्स को नियुक्त किया है। राज्य में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी की गई विभिन्न योजनाओंं का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में तमिलनाडु अन्य राज्यों में अग्रणी है। सरकारी अस्पतालों में लोगों को बेहतर इलाज व स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है। पिछले तीन सालों में अंग प्रत्यारोपण में तमिलनाडु पहले स्थान पर रहा है।
दिंडीगुल जिले के आतूर गांव के नारायणसामी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कैसे राज्य के अस्पतालों में गरीबों की देखभाल की जाती है। एक दुर्घटना में उसका हाथ चले गए और दो महिने पहले डाक्टरों के प्रयास के बाद उसके दोनों हाथ लगाए गए और अब वह दोनों हाथों से काम कर पाता है। यह तमिलनाडु में पहली बार है जब इस प्रकार की सफल सर्जरी किसी सरकारी अस्पताल में की गई है।
इस मौके पर उपमुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम ने कहा कि वर्ष २०१०-११ में स्वास्थ्य विभाग को ३,८८८ करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे जिसे बढ़ाकर वर्ष २०१८-१९ में बढ़ा दिया गया है। तमिलनाडु में एमबीबीएस सीटों की संख्या १,९४० से बढ़ाकर २,९०० जबकि पोस्ट मेडिकल स्टूडेंट्स की संख्या ५७५ कर दी गई है। इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री सी. विजय भास्कर, मुख्य सचिव गिरीजा वैद्यनाथन, स्वास्थ्य सचिव जे. राधाकृष्णन समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
रेत खनन भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कदम उठाए सरकार
तमिलनाडु अर्थ मूवर्स ऑनर्स वैलफेयर एसोसिएशन (टीईएमओड्ब्ल्यूए) ने राज्य सरकार से रेत खनन में हो रही अनियमितताओं और भ्रष्टाचार को रोकने का आग्रह किया है। एसोसिएशन के १६वें वार्षिकोत्सव के दौरान इस बारे में एक संकल्प प्रस्ताव पारित किया गया। इसके अलवा पेट्रोल और डीजल के दामों में की गई वृद्धि को वापस लेने सहित अन्य मांगों के बारे में भी प्रस्ताव पारित किए गए। टीईएमओडब्ल्यूए के अध्यक्ष कतिपारा जनार्दन ने कहा कि रेत खनन के लिए सिर्फ स्थानीय वाहनों को ही अनुमति दी जानी चाहिए। साथ ही खनन परमिट के लिए भुगतान नकदी में लेने के बजाय डिमांड ड्राप्ट में लेना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एडपाडी के. पलनीस्वामी को आग्रह पर विचार कर कार्रवाई करनी चाहिए। सूत्रों के अनुसार टीईएमओडब्ल्यूए द्वारा स्कूलों में कल्याणकारी कार्यक्रम आयोजित कर जरूरतमंद बच्चों एवं लोगों की मदद की जाती है। इससे पहले कार्यक्रम के रूप में एक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया था। तमिलनाडु में पहली बार प्रदर्शकों के लिए प्रदर्शनी में विश्व स्तरीय उपकरण रखे गए थे। पूर्व केंद्रीय मंत्री जी. के. वासन भी प्रदर्शनी में शामिल हुए।