नायडू ने बाहरी और भीतरी संतुलित व विषम खतरों की चर्चा करते हुए कहा कि वे चाहते हैं कि हमारे सशस्त्र बल किसी भी चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हों और किसी भी सुरक्षा खतरे का मजबूती से मुकाबला करें।
नई जटिल चुनौतियां
उपराष्ट्रपति बोले कि भू-रणनीतिक और भू-राजनीतिक मजबूरियों, आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन ने सुरक्षा के ढांचे की जटिलता को बढ़ा दिया है। उन्होंने ऐसे मुद्दों की गहरी समझ रखने का आह्वान किया। यह स्वीकार करते हुए कि समय के साथ सुरक्षा प्रतिमान में बदलाव आज की वास्तविकता है, उन्होंने अपनी तैयारियों को लगातार मजबूत करने और एक मजबूत रणनीति तैयार करने की आवश्यकता पर बल दिया।
रक्षा और एयरोस्पेस
रक्षा और एयरोस्पेस प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने पर बल देते हुए नायडू ने कहा, हम भविष्य में कदम रखने के साथ ही आपको एकल सेवा दक्षताओं से बहु डोमेन चुनौतियों में स्नातक होना होगा, जिसके लिए संयुक्त और बहु डोमेन संचालन की गहन समझ की आवश्यकता होती है।
सेना में महिलाएं
उन्होंने कहा, ‘मुझे यह देखकर खुशी हो रही है कि महिला अधिकारियों को वायु सेना की लड़ाकू धारा में, नौसेना के जहाजों पर, सैन्य पुलिस कोर में और विदेशों में मिशनों में भी तैनात किया जा रहा है।Ó इस अवसर पर तमिलनाडु के वन मंत्री के. रामचंद्रन, डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल एस मोहन, रक्षा सेवाओं के विशिष्ट सदस्य, दिग्गज और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।