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जल संकट की जंग : बस पानी भरना ही काम….

locationचेन्नईPublished: Jun 20, 2019 12:50:34 pm

Submitted by:

shivali agrawal

tamilnadu में water crisis से जनता परेशान है तो सत्ता व oppositin parties आपस में तलवार ताने हैं। कांग्रेस ने स्थानीय प्रशासन मंत्री एस. पी. वेलुमणि से इस्तीफा मांगा है तो मछली पालन मंत्री डी. जयकुमार ने कहा कि इस issue का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए।

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जल संकट की जंग : बस पानी भरना ही काम….


चेन्नई. तमिलनाडु में जलसंकट से जनता परेशान है तो सत्ता व विपक्षी दल आपस में तलवार ताने हैं। कांग्रेस ने स्थानीय प्रशासन मंत्री एस. पी. वेलुमणि से इस्तीफा मांगा है तो मछली पालन मंत्री डी. जयकुमार ने कहा कि इस मसले का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। पानी की मांग को लेकर महिलाओं ने सडक़ पर प्रदर्शन किया। राज्य के सबसे बड़े अस्पताल में पानी नहीं होने की वजह से शौचालयों पर ताला लगा दिया गया तो निजी स्कूल में विद्यार्थियों को आधे दिन का अवकाश देने की घोषणा कर दी गई।
तमिलनाडु कांग्रेस अध्यक्ष केएस अलगिरि ने कहा है कि राज्य में उपजे जलसंकट के हालात के लिए स्थानीय प्रशासन मंत्री एस. पी. वेलुमणि को इस्तीफा देना चाहिए। एक वक्तव्य में बुधवार को उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में फिलहाल जनता में जलसंकट की वजह से त्राहि-त्राहि के हालात है। सरकार पर संकट का समाधान नहीं किए जाने के आरोप लग रहे हैं। उधर, ग्रामीण विकास मंत्री एस. पी. वेलुमणि रोजाना पत्रकारों से वार्ता में नया ज्ञान बांटने में लगे हैं। उनका हजारों करोड़ के खर्च का दावा है जबकि महानगर में एक बूंद पानी भी अतिरिक्त रूप से नहीं पैदा किया जा सका है।
उन्होंने कहा कि चेन्नई महानगर की बात की जाए तो पूण्डी, चोलावरम, रेडहिल्स व चेम्बरमबाक्कम झील को छोड़ दिया जाए तो चौथे बड़े जलस्रोत को लेकर कोई कदम नहीं उठाए गए। ऐसे में महानगर की ७५ लाख आबादी को पेयजल संकट में डाल दिया गया है और वे घड़े लिए सडक़ों पर खड़े नजर आ रहे हैं।
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि पानी की व्यवस्था करने में सरकार पूरी तरह विफल है। लिहाजा कम से कम स्थानीय प्रशासन व ग्रामीण विकास मंत्री एस. पी. वेलुमणि को नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देना चाहिए।
सरकार बचाव की मुद्रा में
मछली पालन मंत्री और एआईएडीएमके प्रवक्ता डी. जयकुमार जलसंकट पर सरकार की वकालत करते नजर आए कि इस मसले का राजनीतिकरण नहीं किया जाए। यहां पत्रकारों से वार्ता में उन्होंने कहा कि एक देश एक चुनाव की अवधारणा पर चर्चा जरूरी है। इस मसले से जुड़े कई सवाल हैं जिनका जवाब जानने की जरूरत है। तमिलनाडु में जल प्रबंधन उचित तरीके से हो रहा है। फिलहाल ४९९ करोड़ रुपए जलस्रोतों की गहराई बढ़ाने के लिए आवंटित हुए हैं। तमिलनाडु में ५०० करोड़ रुपए कुडीमरुत्तू योजना पर खर्च हुए हैं। लॉरियों व मिनी लॉरियों से जलापूर्ति हो रही है। केवल चालीस प्रतिशत बरसात होने की वजह से ये हालात पैदा हुए हैं।
सडक़ पर उतरीं महिलाएं
पानी की मांग को लेकर रामापुरम में बुधवार को महिलाएं खाली प्लास्टिक के घड़े लेकर सडक़ पर उतर आईं। सूत्रों के अनुसार यह प्रदर्शन रामापुरम-वल्लुवर मार्ग पर हुआ। इस मार्ग पर ५० से अधिक महिलाओं ने ***** जाम किया। इन महिलाओं ने नारेबाजी करते हुए मांग की कि १५५वें वार्ड के मुकाम्बिकै नगर के निजी पानी की फैक्ट्री को बंद किया जाए। उनके इलाके में एक ओर तो पानी की कमी है दूसरी तरफ यह निजी कारखाना गहरे कुंए खोदकर जमीन का पानी सोखने में लगा है। इस प्रदर्शन की वजह से दो घंटे तक यातायात जाम रहा। मौके पर पहुंचे अधिकारियों व पुलिस ने समझाइश के बाद प्रदर्शन समाप्त कराया।
निजी स्कूल में आधे दिन का अवकाश
उपनगरीय क्रोमपेट स्थित एक निजी स्कूल में प्रि. केजी से पांचवीं तक के विद्यार्थियों के लिए आधे दिन के अवकाश की घोषणा कर दी गई है। पानी की किल्लत को कारण बताते हुए स्कूल प्रबंधन ने २४ जून तक इस आधे अवकाश की घोषणा की है। प्रिकेजी से पांचवीं तक के विद्यार्थियों की कक्षा सुबह साढ़े नौ से दोपहर साढ़े बारह बजे तक संचालित होगी। हालांकि छठवीं से दसवीं तक की कक्षाएं यथावत रहेंगी।
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