२२ जुलाई की रात हुई थी मामले की शुरुआत पूरे मामले की शुरुआत २२ जुलाई की रात को हुई थी। इस दिन हॉस्टल मालिक का जन्मदिन था। एक होटल में पार्टी थी। पुनीता ने हॉस्टल की पांच युवतियों को पार्टी में चलने के लिए तैयार कर लिया। पार्टी के दौरान वार्डन ने युवतियों को उकसाया कि शराब पियो और मौज-मस्ती करो। बार-बार वह युवतियों को शराब पीने पर जोर देती रही। लेकिन उन्होंने शराब नहीं पी। पुनीता ने पांचों को जगन्नाथन से मिलवाया। कहा कि चैटिंग के लिए उन्हें अपने वाटसअप नंबर दो और हॉस्टल मालिक से संबन्ध बनाओ तो फीस माफ हो जाएगी और दूसरे फायदे भी ंिमलेंगे।
युवतियां पार्टी छोड़ हॉस्टल लौटी गईं और सब बता दिया युवतियां इस तरह की बातें सुन कर घबरा गई। वे पार्टी छोड़ हॉस्टल लौटी और साथी महिलाओं को पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। वार्डन युवतियों के अचानक पार्टी छोड़ कर जाने से परेशान हो उठी। उसने युवतियों को धमकाया कि पार्टी के बारे में किसी को भी नहीं बताना। लेकिन साथी महिलाओं ने रात में ही फोन के जरिए अपने परिजनों को जानकारी दे दी। परिजन देर रात हॉस्टल पहुंच गए। उन्होंने वहां हंगामा खड़ा कर दिया। वार्डन व मालिक को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर नारेबाजी की। बाद में जांच के दौरान पता लगा कि १८० महिलाओं वाला यह हॉस्टल बिना लाइसेंस के चल रहा है।