scriptTamilnadu बारिश हुई जल संकट जस का तस! | Water crisis, Chennaia: Water Problem | Patrika News

Tamilnadu बारिश हुई जल संकट जस का तस!

locationचेन्नईPublished: Sep 18, 2019 06:10:01 pm

Submitted by:

Dhannalal Sharma

उत्तरी चेन्नई (North Chennai) के निवासियों को अभी भी वाटर टैंकर के आने इंतजार (Waiting for Water Tanker) रहता है। वाटर टैंकर से पानी मिलने के बाद ही उनके घर का कामकाज (Residential Worki) शुरू होता है। या यूं कहें कि चूल्हे जलते हैं।

Tamilnadu बारिश हुई जल संकट जस का तस!

Tamilnadu बारिश हुई जल संकट जस का तस!

चेन्नई. भले ही चालू माह में महानगर एवं आसपास के इलाकों में अच्छी बारिश हो गई और गर्मी से भी राहत मिल गई हो तथा रिमझिम बारिश से धरती में भी नमी बढ़ गई हो लेकिन इसका महानगर में जल संकट पर कोई असर नहीं हुआ। लोग अब भी पानी के लिए इधर-उधर भटकते नजर आते हैं। हां, यह जरूर है कि कुछ इलाकों में जल संकट से राहत मिली है।
निचले इलाकों में नहीं जल संकट
जल संकट ज्यादातर उत्तरी चेन्नई में है क्योंकि उस ओर तालाबों की कमी है जबकि निचले इलाके जल संकट से बचे हुए हैं। आलम यह है कि उत्तरी चेन्नई के निवासियों को अभी भी वाटर टैंकर के आने इंतजार रहता है। वाटर टैंकर से पानी मिलने के बाद ही उनके घर का कामकाज शुरू होता है। या यूं कहें कि चूल्हे जलते हैं।
सात रुपए घड़े की दर पर मिल रहा पानी
बतादें, मध्य चेन्नई के तिरुविका नगर, अगरम, वीनस, पेरम्बूर, पटïटालम, ओटेरी, पुरुषवाक्कम आदि इलाकों में भी बारिश का कोई फायदा नहीं मिला है। वीनस थियेटर के पास पानी भरने आई निलोफर का कहना था कि उसके बच्चों की स्कूल यूनिफॉर्म गंदे पड़े हैं, जिसे धोना बहुत जरूरी है, एक वाटर टैंकर सुबह आया था जिससे प्रति घड़ा सात रुपए देकर पांच घड़े पानी खरीदे हैं लेकिन इतने से पानी से कपड़े धोना संभव नहीं है। उसने कहा पीने के लिए तीस रुपए प्रति केन खरीदन होता है। इस तरह महीने भर में पानी की मद में ही दो हजार से ज्यादा रुपए खर्च हो जाते हैं।
बोरवेल का पानी आता है नमकीन
पिछली बारिश का फायदा उत्तर चेन्नई के मनली, मादुर, तिरुवत्तीयूर, तंडियारपेट, रायपुरम इलाकों के लोगों को भी नहीं हुआ है। इन इलाकों में भी बरसात से कुओं में पानी नहीं आया है। इन इलाकों में अभी भी टैंकर लॉरी न आए तो लोगों का दैनिक कार्य नहीं चल सकता। काशीमेडु मनरस्वामी स्ट्रीट की गौतमी कहती है कि इस इलाके में तो पानी की किल्लत वर्षों से रही है। उसका कहना था कि बोरवेल का पानी नमकीन है जो न धुलाई में काम आता है और न पीने में। वहीं एसएन चेट्टी स्ट्रीट निवासी एल वेनिशा का कहना है कि बारिश तो हुई लेकिन ऊंट के मुंह में जीरे के समान, इससे न कुओं में पानी बढ़ा न बोरवेल में। उसने कहा टैंकर से प्रति घड़ा सात रुपए चुकाकर पानी लेने के बाद ही अपना काम होता है।
शौचालय में भी कैन के पानी का उपयोग
इसी प्रकार मरियप्पन स्ट्रीट निवासी भानुमति के अनुसार पानी का संकट तब तक खत्म नहीं होगा जबतक महानगर के सभी सरोवर नहीं भरेंगे। उसने कहा वह पिछले पांच महीनों से पानी के संकट से जूझ रही है, कभी कभी शौचालय में भी पीने के पानी का उपयोग करना पड़ता है जो बहुत खलता है। बच्चों के कपड़े धोने के लिए सात रुपए प्रति घड़ा खरीदना पड़ता है तो पीने के लिए ३० रुपए केन वाटर खरीदना पड़ता है, उन्होंने कहा पानी का समस्या का निदान हल्की फुल्की बारिश नहीं हो सकता है। इनके लिए मूसलाधार बारिश का इंतजार करना पड़ेगा। जब तक महानगर के चारों जलाशय नहीं भर जाएं पानी का संकट महानगर में यूं ही बरकरार रहेगा।
बहरहाल महानगर में जल संकट जस का तस है पिछले दिनों आई बारिश से कुछेक इलाकों में ही बोरवले एवं कुओं में पानी वापरा है जो कुछ दिन काम आ जाएगा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो